लंदन में एस एस शिराला के मलबे में 1918 के ये दो करेंसी नोट मिले थे जिनकी अगले हफ्ते बुधवार को होने वाले नुनांन्स के मेफेयर में नीलामी होगी। वर्ल्ड बैंक नोट्स की सेल के तहत इन दो नोटों को नीलामी में पेश किया जाएगा। दोनों नोटों की खासियत यह है कि इन पर किसी भी प्रकार के कोई साइन नहीं हैं और उनकी क्वालिटी जबरदस्त है। इनके कागज को दुर्लभ बताया जा रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक ₹10 के इन दोनों नोटों की नीलामी 29 मई 2024 को होगी। यह बिना हस्ताक्षर वाले नोट हैं लेकिन इनकी पेपर क्वालिटी ओरिजिनल होने के कारण इनके सीरियल नंबर आज भी जस के तस बने हुए हैं। यह नोट जर्मन यू बोट एस शिराला से लंदन से मुंबई भेजे जा रहे थे।
पानी के रास्ते भारत भेजे जा रहे थे नोट
इंग्लैंड में छपे ये नोट उस समय पानी के रास्ते भारत भेजे जा रहे थे लेकिन किसी हादसे के कारण से शिराला पानी में डूब गया और जहाज पर लदे अधिकतर भारतीय करेंसी नोट नष्ट हो गए। मगर यह दो नोट अभी तक सुरक्षित हैं।
रिपोर्ट में छपी एक जानकारी के मुताबिक इन दोनों नोटों के नीलामी का लॉट 474 और 475 तय किया गया है। इन नोटों की नीलामी 29 मई को होगी और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इनकी नीलामी 2000 से 2600 ब्रिटिश पाउंड के बीच में हो सकती है। ऑप्शन हाउस नुनांन्स में मुद्रा शास्त्र की प्रमुख ने इस बारे में मिश्रित जानकारी दी है।
5 लाख में बिकेगा 100 का नोट
29 मई को होने वाली इसी नीलामी में भारत सरकार के कुछ और रेयर नोट भी शामिल हैं। ब्रिटिश साम्राज्य के समय छापे गए सौ रुपए के नोट को भी नीलामी के लिए दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि 4400 से 5000 ब्रिटिश पाउंड (लगभग 5 लाख रुपए) के बीच में इनकी नीलामी हो सकती है। इन पर हस्ताक्षर हैं और कोलकाता की मुहर भी लगी हुई है। ये नोट 1917 से 1930 के बीच के समय के हैं। इनके पीछे की तरफ हिंदी और बंगाली सहित विभिन्न भाषाओं में ₹100 लिखा हुआ है।
नोट के अलावा अन्य सामग्रियां भी लदी थीं जहाज पर
एसएस शिराला पानी का एक जहाज था जिसे उस समय का आधुनिक पैसेंजर माना जाता था। इसका उपयोग इंग्लैंड से भारत के शेड्यूल्ड रूट्स पर यात्रियों और माल को लाने-ले जाने के लिए किया जाता था।
29 जून 1918 को इसने अपनी अंतिम यात्रा शुरू की। एसएस शिराला फेरी लंदन से बॉम्बे के लिए निकली थी, उसमें यात्रियों के साथ-साथ कुछ माल भी लदा हुआ था। माल में युद्ध सामग्री, हाथी के दांत, शराब, मुरब्बा, लॉरी पार्ट्स, मॉडल टी कारों के लिए स्पेयर, हीरे और बैंक ऑफ इंग्लैंड से रुपये के रूप में मुद्रित होने वाले कागज की शीटें शामिल थी।