भारत में टोल टैक्स कटाने का नियम कई सालों से चला रहा है। हालांकि कुछ दिन में आपको टोल प्लाजा पर फास्टैग की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि सरकार जल्द ही भारत में नई टोल कलेक्शन टेक्नोलॉजी लागू करने वाली है। इस बात की जानकारी खुद केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दी थी। उन्होंने इस बात का आश्वासन दिया था कि सरकार का लक्ष्य जीपीएस बेस्ट टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करना है।
इस नीति को जल्द ही लागू किया जाएगा। बता दें कि इस समय भारत में RIED बेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है जिसे फास्टटैग भी कहा जाता है। हालांकि सरकार जल्द ही सिस्टम को बदलने की तैयारी में है और जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम लाने की तैयारी कर रही है क्या होता है जीपीएस बेस्ट टोल कलेक्शन आइए समझते हैं।
नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा था कि जीपीएस बेस्ट टोल कलेक्शन जल्द ही भारत में लागू किए जाएंगे। उनके मुताबिक मार्च 2025 तक यह सिस्टम लागू किया जाएगा जिसका उद्देश्य यातायात की भीड़ को कम करना रहेगा। बता दें की फास्ट्रेक टोल कनेक्शन सिस्टम को फरवरी 2021 से लागू किया गया था लेकिन 3 साल बाद इसका समापन हो जाएगा।
जीपीएस बेस्ट टोल कलेक्शन पर बात करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि “सरकार देश में टोल प्लाजा को बदलने के लिए जीपीएस बेस्ड टूल सिस्टम समेत कई टेक्नोलॉजी पर विचार कर रही है अगले साल मार्च में हम देशभर में नए जीपीएस सैटेलाइट बेस्ट टोल कनेक्शन शुरू करेंगे”
बता दें जीपीएस बेस्ट टोल कलेक्शन के तहत कैमरा नंबर प्लेट को स्कैन करेगा और टोल टैक्स वसूलेगा। इसके अलावा सरकार ने पहले ही दो जगह पर सिस्टम की टेस्टिंग शुरू भी कर चुकी है। इस सिस्टम को वाहन के चलते समय कैमरे के माध्यम से ऑटोमेटेकली नंबर प्लेट पर स्कैन किया जाता है। इसके बाद अमाउंट स्क्रीन पर शो करता है जिसके आधार पर टैक्स काटा जाता है।