भारत में डिजिटाइलेजेशन की वजह से यूपीआई का इस्तेमाल खूब किया जा रहा है। छोटे से छोटे और बड़े से बड़े रकम का भुगतान करने के लिए आजकल लोग यूपीआई का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में भारत में भी ट्रांजैक्शन संख्या की बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। हालांकि इसका फायदा के अलावा नुकसान भी हद तक बढ़ गए हैं। बता दें की मनी म्यूल होने पर बैंक अपने ग्राहकों को खाता ब्लॉक कर रहे हैं।
हाल ही में कई ग्राहकों के खाते ब्लॉक कर दिए गए जिसकी शिकायत सोशल मीडिया के जरिए भी की गई थी। खाता ब्लॉक होने की वजह से वे ट्रांजेशन नहीं कर पा रहे हैं। आईए जानते हैं कि आखिर क्या वजह है कि बैंक अपने ग्राहकों के खाता ब्लॉक कर दे रहे हैं जिससे उन्हें लेनदेन की समस्या में भारी संकट झेलना पड़ रहा है।
बता दें कि अगर आप अपने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल मनी म्यूल में और खाता के तौर पर करेंगे तो आपका अकाउंट बैंक द्वारा बंद कर दिया जाता है। मनी म्यूल वह खाता है जिसका उपयोग दूसरों की ओर से अवैध रूप से अर्जित धन प्राप्त और स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है।
अगर मनी म्यूल कोई व्यक्ति करता है जिसे बैंक अवैध रूप से खाता बंद कर देता है ।आजकल फ्रॉड के जमाने में धोखेबाज कुछ लालच देकर खाता धारकों से कॉल या मैसेज पर बात करते हैं। बाद में उनके खाते का गलत उपयोग किया जाता है ऐसे में बैंक मनी म्यूल खाता पाए जाने पर अकाउंट बंद कर देता है।
आजकल धोखाधड़ी और इससे जुड़ी अपराधों की समस्या आम हो गई है। धोखेबाज आम नागरिकों से लालच देकर पल भर में उनके अकाउंट खाली कर दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट की माने तो मनी म्यूल खातों की हिस्सेदारी 40% तक है और धोखेबाज आसानी से मनी म्यूल खातों का उपयोग करते हैं।
बैंकिंग और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार एचडीएफसी बैंक के अलावा भारत के पांच अन्य बैंक जो मनी में लेनदेन पर नजर रख रहे हैं। धोखाधड़ी मामलों पर नजर रख रहे विशेषज्ञ का कहना है कि पहले मनी म्यूल खाते को ब्लॉक किया जाता है उसके बाद इसकी जांच पड़ताल शुरू की जाती है। हालांकि इसके लिए आरबीआई भी समय-समय पर अपनी गाइडलाइन जारी करता है और अपने ग्राहकों को ओटीपी खाता नंबर और एटीएम पिन बताने के लिए मना करता है।