Chanakya Niti: आज कल हर व्यक्ति मेहनत करके धन कमा रहा है क्योंकि बिना धन के जीवन निर्वाह नामुमकिन है। धन की जरूरतें समय विशेष पर आपके रिश्तों की पहचान भी करा देती हैं। महान नीतिशास्त्री आचार्य चाणक्य द्वारा कहा गया है कि धन का मूल्य जो समझता है वही संपन्न और समृद्ध रहता है और जो उसकी समय रहते अहमियत नहीं समझता, धन उसे हर्ष से फर्श पर ला देता है। धन से वही लोग फलते फूलते हैं जो इसे संयम और आदर के साथ सुरक्षित रखते हैं।
आचार्य चाणक्य ने धन के इस्तेमाल के कुछ कारगर तरीके बताएं हैं जिनका पालन करके आप धन की तंगी से बच सकते हैं और आपको कभी किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आज के आलेख में हम आपको इसी विषय पर आचार्य द्वारा सुझाए गए कुछ विशेष नियमों का उल्लेख करेंगे।
1. सही जगह और सही समय पर करें खर्च
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो भी व्यक्ति धन का इस्तेमाल सुरक्षा, दान या भविष्य के लिए निवेश के तौर पर करता है, वह संकट के दौर में भी सहजता से अपना जीवन यापन कर सकता है। अतः धन का उपयोग सही जगह और सही समय पर ही करना चाहिए।
2. बिना वजह के खर्चों से यथासंभव बचें
धन का अनावश्यक खर्च करने वाले सदैव दुख और विपन्नता से घिरे रहते हैं। चाणक्य के अनुसार धन की बचत का सबसे उपयुक्त तरीका ये है कि हम अपने गैर जरूरी खर्चों पर रोक लगाएं। कब कितना पैसा खर्च करना है, इस तरह का आकलन रखने वाले सभी प्रकार की आर्थिक समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
3. दान पुण्य करने से मां लक्ष्मी की प्राप्त होती है कृपा
आचार्य कहते हैं कि हमें अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दान पुण्य के कार्य में अवश्य लगाना चाहिए जिससे हमारे धन धान्य में दोगुनी वृद्धि होती है। ऐसी मान्यता है कि दान से बड़ा कोई धन नहीं होता। किसी जरूरतमंद व्यक्ति की यथासंभव सहायता करने से मां लक्ष्मी की कृपा हम पर सदैव बनी रहती है।
जिस प्रकार संतुलित भोजन हमारे शरीर को स्वस्थ व निरोग रखता है, ठीक उसी प्रकार संतुलित और सोच विचार कर किया गया खर्च मनुष्य के जीवन में विपत्ति काल को आने से रोकता है। अतः धन को बहुत अधिक सतर्कता के साथ खर्च करना चाहिए। जितनी आवश्यकता हो केवल उतने ही धन का उपभोग करें और यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो हर मोड़ पर हमें आर्थिक संकट और परेशानियों का सामना करना पड़ता है।