Property Transfer Rules: लोग जिंदगी भर कड़ी मेहनत करके संपत्ति, घर, जायदाद आदि इकट्ठा करते हैं और एक उम्र के बाद वही संपत्ति अपने बच्चों में ट्रांसफर कर देते हैं। लेकिन किसी भी प्रकार की संपत्ति ट्रांसफर करने के लिए सरकार द्वारा कुछ नियम निर्धारित होते हैं जिसका अनुपालन अनिवार्य होता है।
आज के आलेख में हम आपको बताएंगे उन सभी नियमों के बारे में जो माता-पिता अपने बच्चों को संपत्ति ट्रांसफर करते समय ध्यान में रख सकते हैं और जिससे उनसे संबंधित विवादों से भी बचा जा सकता है।
नॉमिनेशन
जब भी माता-पिता अपनी संतान को अपनी संपत्ति ट्रांसफर करते हैं तो इसके पूर्व नॉमिनेशन करवाने का प्रावधान है तथा इसके बाद अपने बच्चों के बीच संपत्ति का बंटवारा कर सकते हैं। नॉमिनेशन में माता-पिता के जरिए अपने बच्चों के नाम संपत्ति की जाती है। इसमें यदि माता-पिता कभी किसी प्रकार का बदलाव लाना चाहे तो वह इस नॉमिनेशन में किसी और का नाम भी साथ ही दर्ज करवा सकते हैं।
वसीयत
नॉमिनेशन के अलावा एक दूसरा विकल्प होता है वसीयत का। माता-पिता के जरिए अपनी वसीयत तैयार की जाती है जिसमें वह इस बात को लिखवाते हैं कि उन्हें अपनी कौन सी संपत्ति किसे देनी है। वसीयत को कानूनी तौर पर एक मान्य दस्तावेज माना जाता है।
वसीयत के जरिए संपत्ति अपनी इच्छा से किसी संबंधित व्यक्ति को भी मृत्यु के बाद सौंपा जा सकता है। यदि कोई नाबालिक नहीं है और मानसिक रूप से पूर्णतः ठीक है तो वह भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम 1925 के अनुसार अपनी वसीयत लिख सकता है। इस प्रकार वसीयत के जरिए संपत्ति ट्रांसफर करना कानूनी तौर पर मान्य माना जाता है।
इन बातों का हमेशा रखें ध्यान
माता-पिता अपनी संपत्ति जिस किसी को भी ट्रांसफर करना चाहते हैं, उसके पूरे और सही सही सभी दस्तावेज मौजूद होने चाहिए। इन दस्तावेजों की मौजूदगी से किसी भी तरह के विवाद से बचने में सहायता मिलती है। साथ ही यह इस बात का प्रमाण होते हैं कि आपकी संपत्ति कौन सी है तथा कौन सी संपत्ति आपके नाम पर ट्रांसफर की गई है।