High Court Decision: जैसा कि आप सब जानते ही हैं की बेटियां शादी हो जाने के बाद अपने पति के साथ ससुराल में ही रहती है व वही उनका घर कहलाता है। शादी के वक्त मां-बाप जो भी गहने जेवर अपनी बेटी को तोहफे के रूप में देते हैं वही गहने ,जब बेटी ससुराल लेकर जाती है तो वहां उन गहनों पर पति अपना बिना किसी के इजाजत लिए उन गहनों पर अपना हक जमा लेता है ।
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब हाई कोर्ट ने इन्हीं मामलों की वजह से एक बहुत ही अहम फैसला सुनाया है । दरअसल ,दिल्ली हाईकोर्ट में एक महिला ने इसी मामले से जुड़े कोर्ट में अपनी याचिका दर्ज करवाई थी। पत्नी का यह आरोप है कि उसके पति ने उसके सारे गहने जेवरों को चुरा लिया है। जिस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने महिला की याचिका पर मोहर लगाते हुए एक अहम फैसला सुनाया। इस फैसले में हाईकोर्ट ने साफ-साफ लफ्जों में कहा की पत्नी के पास जितने भी गहने जेवर हो, उन सब पर केवल और केवल पत्नी का ही हक होगा ना कि पति या अन्य लोगों का होगा।
मतलब अब यह साफ है कि एक पति अपनी पत्नी के मंजूरी के बिना उसके गहनों और जेवरों पर तब तक हाथ नहीं लगा सकता है, जब तक की पत्नी उसे मंजूरी न दे दे।जिस महिला ने केस हाईकोर्ट में दर्ज कराया था उसके पति अमित महाजन का यह कहना है कि जितने भी इल्जाम उसकी पत्नी ने लगाए हैं वह सभी बेबुनियादहैं।
फिलहाल, कोर्ट ने पति को जमानत नहीं दी है ।हाई कोर्ट का कहना है कि महिला के गहने भले ही उसके पति ने ही क्यों ना चुराए हो पर कानून की नजरों में उसे अपराध ही समझा जाएगा व ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अगर पति-पत्नी के बीच किसी भी विषय को लेकर लड़ाई हो जाए ,तो पति उसे घर से बाहर नहीं निकाल सकता है। पत्नी का पूरा हक है कि वह अपने पति के साथ उसके घर में रहे। कानून के मुताबिक अगर पति अपनी पत्नी का सामान चुराता है तो उस पर कानून की तरफ से आईपीसी की धारा 380 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।