मौजूदा समय में भारत में गूगल पे पेटीएम और फोन पे जैसे ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके माध्यम से आप अपने बैंक स्टेटमेंट को पल भर में चेक कर सकते हैं। हालांकि सबसे बड़ा सवाल ये पैदा होता है कि यदि आप अपने बैंक में स्टेटमेंट की जानकारी लेने जाते हैं और अपना पासबुक प्रिंट करवाते हैं तो बैंक आपसे कितना चार्ज कर सकता है।
इसके अलावा आप साल में कितनी बार अपने स्टेटमेंट की जानकारी ले सकते हैं। इस लेख में हम इन्हीं सवालों का जवाब जानने की कोशिश करेंगे। बता दें कि बैंक स्टेटमेंट आपके लेने देन का रिकॉर्ड है, जो आपने किया है।
बता दें कि समय समय पर आपको बैंक द्वारा छोटे मोटे ट्रांजेक्शन की जानकारी के लिए आपको बैंक जाना सही रहेगा। आपको कम से कम साल में 12 बार बैंक द्रारा अपनी स्टेटमेंट की जांच करनी चाहिए। इससे आप अपने खर्चे से अवगत रहते हैं।
क्या है बैंक का नियम
अलग अलग बैंक अपने ग्राहकों से विभिन्न तरीके से एमाउंट चार्ज करते हैं। बैंक फिजिकल एकाउंट डिटेल्स, डुब्लिकेट पासबुक जारी करने एनुअल डेबिड कार्ड और मैसेज चार्ज के लिए कुछ पैसे वसुलते हैं। बैंक द्वारा काटी गई रकम को आप बैंक स्टेटमेंट में देख सकते हैं। बैंक स्टेटमेंट से आपको जानकारी लेना चाहिए। इससे आप धोखा धड़ी से बच सकते हैं, क्योंकि आप के अमाउंट की जानकारी बैंक स्टेटमेंट में साफ तौर पर दिख जाएगी।
इसके अलावा हर महीने स्टेटमेंट चेक करने पर आपको खाते में फंड की जानकारी मिलती रहेगी। जिससे आपको निवेश करने में आसानी होती है। इसके अलावा आपके खर्च की जानकारी के लिए भी बैंक स्टेटमेंट ज़रूरी होता है। इससे आपके खर्चे की पाई-पाई का ब्योरा आपके पास होता है।