ये तो आपको पता ही है कि ट्रेनों में जनरल कोच की टिकट से लेकर स्लीपर क्लास में सफर करना आपको जोखिम में डाल सकता है। इसके लिए आपको भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप लंबी दूरी की ट्रेनों में स्लीपर कोच में सामान्य श्रेणी के टिकट पर बिना किसी पेनल्टी के यात्रा कर सकते हैं?
अगर आप किसी लंबी दूरी पर जा रहे हैं तो आपको इसका फायदा अवश्य उठाना चाहिए। ठंडी की वजह से अधिकतर लोग स्लीपर की जगह पर एसी कोच का चयन कर रहे हैं, यही कारण है कि स्लीपर कोच में तकरीबन 80 प्रतिशत से अधिक सीट खाली रह जाती है। इस वजह से जो लोग जनरल टिकेट से यात्रा करने करते हैं वो अब वो स्लीपर का इस्तेमाल कर सकते हैं तथा इस के लिए उन्हें अतिरिक्त पैसे देने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
जनरल टिकट लेकर स्लीपर क्लास में कर पाएंगे सफर
जी हां, ये जल्द ही एक वास्तविकता बन सकता है, क्योंकि भारतीय रेलवे इस संबंध में एक नई पहल की घोषणा कर सकता है। सर्दी के चलते यात्री स्लीपर कोच की जगह एसी कोच का चुनाव कर रहे हैं। इसके चलते स्लीपर कोच में एसी कोच की बर्थ खाली रह जा रही हैं। वहीं, जनरल कोच में टिकट की बुकिंग बढ़ गई है।
इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड ने सामान्य टिकट धारकों के लिए खाली स्लीपर कोचों का उपयोग करने का निर्णय लिया है। रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे के सभी मंडलों से अनुरोध किया है कि वे उन ट्रेनों के बारे में जानकारी एकत्र करें, जिनके स्लीपर क्लास के कोच कुल बर्थ के 80 प्रतिशत से कम भरे हुए हैं। यात्रियों के लिए यात्रा को आसान बनाने के लिए रेलवे अधिकारी उन सभी स्लीपर कोच को नियमित कोच में बदलने पर विचार कर रहे हैं।
नहीं खोल पाएंगे मिडल बर्थ
हालांकि, जनरल कोच में तब्दील होने के बाद इन कोचों में मिडल बर्थ को खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन अनारक्षित सीटों को अब ऐसे कोचों के बाहर चिह्नित किया जाएगा।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भारतीय रेलवे ने इस तरह की पहल की है। इससे पहले महामारी के दौरान मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के सामान्य डिब्बों में अनारक्षित यात्री सेवाओं को पूर्व मध्य रेलवे द्वारा बहाल किया गया था। पूर्व मध्य रेलवे ने विशेष रूप से आर्थिक रूप से वंचित क्षेत्रों के यात्रियों को बेहतर सेवा देने के लिए यह विकल्प चुना है।
हजारों नियमित यात्रियों को फायदा
अब सामान्य कोच में सफर करने के इच्छुक यात्री स्लीपर कोच में बिना रिजर्वेशन के भी ट्रेन में चढ़ सकेंगे। वे उन कोचों में सीटों पर कब्जा कर सकते हैं. जहां सामान्य श्रेणी के यात्रियों के लिए खाली बर्थ उपलब्ध हैं। ऐसे नामित स्लीपर कोचों में सवार यात्रियों को कोई जुर्माना या अतिरिक्त राशि नहीं देनी होगी। इस फैसले से नियमित बोगियों में सफर करने वाले हजारों नियमित यात्रियों को फायदा होगा।