Indian Railways: आज के समय मे अधिकांश लोगों को ट्रेन में सफर करना पसंद होता है। इसी वजह से भारतीय रेल में लगभग हजारों लोग रोजाना सफर करते है। यात्रा के दौरान हर यात्री चाहता है कि उसका सफर मंगलमय हो, इसलिए यात्री को सुरक्षा पूर्वक सफर करवाना रेलवे की जिम्मेदारी होती है।
भारतीय रेल से यात्री एक शहर से दूसरे शहर तक अपने सफ़र को आसानी से तय करते हैं। ट्रेन को आम आदमी के लिए सफर करने का सबसे अच्छा साधन माना गया है, लेकिन आपने कभी सोचा है कि कि मात्र एक यात्री के लिए क्या ट्रेन चलाई जा सकती है। इसी बात को लेकर लोगों से सवाल पूछे गए और सभी यूजर्स ने अपने-अपने अलग-अलग जवाब दिए हैं।
शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा जिसने भारतीय रेलवे में सफर न किया हो। उसके बावजूद भी बहुत सारी चीजें ऐसी होती है जिसकी जानकारी हमें नहीं होती है। फिर जब लोगो को अपने अधिकारों का पता चलता है तो वह हैरान रह जाते है।
महिला की जिद के सामने झुका भारतीय रेलवे
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रेल में सामान्य श्रेणी के कोच में 300 से 350 यात्री बैठ सकते हैं। वहीं दूसरी ट्रेनों मे जैसे राजधानी, शताब्दी, आदि ट्रेनों में आमतौर पर 72 सीटे होती हैं, उसी प्रकार स्लीपर क्लास कोचो मे भी 72 सीटे दी गई है।
अब हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जब ट्रेन को सिर्फ एक यात्री को लेकर जाना पड़ा था। यह घटना दिसंबर 2021 की है जब एक युवती की जिद के आगे भारतीय रेलवे को भी झुकना पड़ गया था। इतना ही नहीं केवल एक सवारी के लिए राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन भी चलानी पड़ी गई थी।
बता दें कि राजधानी एक्सप्रेस जो कि रांची की तरफ जा रही थी, लेकिन टाना भगतों के आंदोलन के कारण डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर उसको रोकना पड़ा। डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन से रांची की दूरी 308 किलोमीटर की है। ट्रेन में 950 यात्री सफर कर रहे थे, इसलिए रेलवे ने इन सभी यात्रियों के लिए बसों का इंतजाम करवाया।
उन सभी को बस के द्वारा रांची भेजा गया, लेकिन उसमें से एक महिला जिसका नाम अनन्या चौधरी है उसने बस में सफर करने से इंकार कर दिया। रेलवे अधिकारियों के मनाने पर भी वह महिला नहीं मानी और अंत में रेलवे अधिकारियों को उसकी जिद के आगे झुकना पड़ा और उसे रेलवे द्वारा अकेले रांची पहुंचाया गया।