पैन कार्ड एक ऐसा आईडी प्रूफ है जो भारत सरकार के आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। किसी भी वैधानिक आर्थिक लेनदेन के लिए पैन नंबर का होना अनिवार्य होता है। पैन कार्ड और आधार कार्ड को बहुत सेफ रखने की जरूरत होती है क्योंकि जरा सी असावधानी से इसका दुरुपयोग हो सकता है।
आजकल पैन कार्ड लोन से संबंधित धोखाधड़ी के मामले देखने को मिल रहे हैं। गलती से किसी दूसरे को अपना पैन नंबर साझा कर देने के कारण व्यक्ति इस धोखाधड़ी के चंगुल में फंस जाता है।
पैन कार्ड लोन धोखाधड़ी एक ऐसा मामला है जिसमें भुक्तभोगी की सिबिल रेटिंग को बेहद नुकसान होता है। अतः कभी भी किसी को अपना पैन या आधार नंबर साझा नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें निहित गोपनीय जानकारी दूसरों तक पहुंचना खतरनाक हो सकता है।
यदि किसी कारणवश कहीं पैन या आधार की फोटो कॉपी भी लगानी पड़े तो उस पर संबंधित विषय का कारण अवश्य लिखना चाहिए। अभी कुछ दिनों पूर्व अभिनेता राजकुमार राव के साथ भी ऐसी ही वित्तीय धोखाधड़ी हुई थी जिसमें उनके पैन कार्ड को लोन लेने के लिए यूज किया गया था।
समय-समय पर चेक करें पैन कार्ड से संबंधित जानकारी
- हर व्यक्ति का पैन नंबर उसके बैंक खाते से जुड़ा होता है।
- ऋण देने वाला संस्थान जिससे ऋण लिया गया है, वह इस जानकारी को क्रेडिट ब्यूरो से शेयर करता है तथा ये सभी जानकारी सिस्टम में अपडेट रहती है।
- सभी क्रेडिट रेटिंग संस्थान पैन पर बकाया ऋणों की जानकारी अधिकृत रूप से प्राप्त कर सकते हैं।
- आजकल बहुत सी वेबसाइट पर लॉगिन करके अपनी लोन संबंधी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। ये ऐप्स और वेबसाइट यूजर्स को सिविल रेटिंग के साथ ही एक निश्चित समय में दिए गए ऋण की जानकारी देते हैं।
ऑनलाइन प्राप्त करें जानकारी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सभी पैन धारक अपने लोन व अपने सिबिल स्कोर की जानकारी या अपने नाम पर लिए गए लोन का विवरण CIBIL, इक्विफैक्स, एक्सपीरियन या CRIF हाई मार्क आदि जैसी किसी भी क्रेडिट ब्यूरो की सर्विस पर लॉगिन करके सिबिल स्कोर और लोन संबंधी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त की जा सकती है।