आपने यह गौर किया होगा कि जब हम टिकट काउंटर से तत्काल टिकट बुक करते हैं तो फटाफट बुक हो जाती है, लेकिन लैपटॉप या फिर इंटरनेट से करने पर ऐसा नहीं होता है। इस वजह से बहुत सारे लोगों के मन में सवाल उठते होंगे की ऐसा क्यों होता है। इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए इस पोस्ट को जरूर पढ़ें।
अगर आपके मन में भी यह सवाल बार-बार आता हैं तो यह लेख आपके लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि आगे हमने इसकी जानकारी दी है कि ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक होने में ज्यादा समय क्यों लगता है, वहीं टिकट काउंटर से जल्दी क्यों जाता है? तो चलिए इसके बारे में विस्तार से समझने का प्रयास करते हैं।
इन्टरनेट से टिकेट बुक करने पर सीट फुल
अगर आप ट्रेन से तत्काल टिकट काउंटर से बुक करते हैं तो वह टिकट जल्दी वह हो जाती है और मगर उसी टिकट को मोबाइल में इंटरनेट से बुक करने पर बहुत समय लग जाता है, लेकिन फिर भी सारी सीटें फुल दिखाती है। ऐसा बहुत से लोगों के साथ हुआ है। यह सवाल लोगों के मन में जरूर उठता है। दरअसल ट्रेन भी सेम है और टिकट भी सेम है, लेकिन रेलवे स्टेशन से वही टिकट बुक हो जाती है, वहीं ऑनलाइन बुक करने पर ज्यादातर सीट फुल होने की समस्या आती है।
जानिए भारतीय रेलवे के रिजर्वेशन सिस्टम
भारतीय रेलवे में जब रिजर्वेशन की सिस्टम शुरू हुई थी, तो उस समय इसे 4 क्षेत्रों में बांटा गया। वह क्षेत्र दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता थी। इन चारों रीजन को आपस में ऑप्टिकल फाइबर के द्वारा जोड़ा गया था और इसके बीच में जो भी रेलवे स्टेशन आएंगे, वह सारे इन्हीं PRS काउंटर से कनेक्टेड होंगे। भारतीय रेलवे के सारे स्टेशन को इन्हीं ऑप्टिकल फाइबर द्वारा आपस में कनेक्ट करके रखा गया है।
PRS सेंटर क्या है?
सारे रिजर्वेशन सेंटर PRS रिजर्वेशन सेंटर से जुड़े हुए होते हैं। चार्टिंग की प्रक्रिया इन्हीं रिजर्वेशन के सर्वर से जुड़ा होता है। दरअसल सभी केबल, रिजर्वेशन चार्ट, इंटरनेट क्लाइंट, इन सब की कनेक्शन एक ही सर्वर से जुड़े हुए होते हैं। जिस कारण जब भी रिजर्वेशन से कोई टिकट बुक की जाती है तो इस सर्वर के द्वारा टिकट जल्द ही बुक हो जाती है। मोबाइल से टिकट बुक करने पर बहुत वक्त लग जाता है, क्योंकि यह सर्वर से कनेक्ट नहीं होते हैं। यही कारण है कि टिकट काउंटर से तत्काल टिकट बुक करने पर जल्दी टिकट कंफर्म हो जाती हैं।
IRCTC की ऐप से टिकट बुक करने पर सीट फुल क्यों हो जाती है?
आपको बता दें कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट भी इस सर्वर से जुड़ी हुई होती है लेकिन इसका सीधा कनेक्शन नहीं होता है। सर्वर और साइट के बीच में इंटरनेट क्लाइंट, वेब सर्वर होती है। भारतीय रेलवे की वेबसाइट आईआरसीटीसी में इंटरनेट बुकिंग सिस्टम होता है इसीलिए तत्काल टिकट बुक करने पर या तो टिकट फुल हो जाती हैं या फिर टिकट को बुक होने में समय लग जाता है।