भारत में आज के समय में लाखों-करोड़ों की संख्या में गाड़ियां चलती है और इसकी संख्या से तेजी से बढ़ रही है। जहां एक तरफ इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल का जमाना शुरू हो गया है। वहीं कुछ लोग आज भी पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों पर निर्भर है। वैसे तो हमारे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की तेजी से वृद्धि हो रही है, लेकिन अब भी कुछ लोग डीजल और पेट्रोल के वाहन पर निर्भर है।
आज हम आपको अपने इस लेख में उन लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं। यह आर्टिकल उन लोगों के लिए है जो डीजल और पेट्रोल की गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि सरकार ने अब ऐसे गाड़ियों को बंद करने का फैसला किया है।
इन शहरों में बंद हो जाएगी पेट्रोल-डीजल की गाड़ी
आपको बता दें कि हाल ही में ऐसी खबर सामने आई है कि पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों पर प्रतिबंध लगने वाला है। लेकिन आपको बता दें कि सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस बात को साफ किया है कि फिलहाल वो इस पर विचार कर रही है। अभी इसे लागू नहीं किया जाएगा। हाल ही में खबर ऐसी आई थी कि 1000000 से अधिक आबादी वाले शहरों में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। लेकिन सरकार ने इस बात से इनकार कर दिया है।
ऊर्जा बदलाव पर गठित समिति ने दिया सुझाव
दरअसल, बात कुछ ऐसी है कि उर्जा बदलाव पर गठित समिति ने बड़ी शहरों में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली वाहनों पर वर्ष 2027 तक रोक लगाने का सुझाव भारत सरकार को दिया है। ऊर्जा बदलाव पर गठित समिति में यह सुझाव दिया कि पेट्रोल और डीजल पर चलने वाली गाड़ियों की जगह पर गैस से चलने वाली वाहनों का उपयोग बड़े शहरों में किया जाए। इतना ही नहीं पूर्व पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर की अध्यक्षता वाली एक समिति ने इंजन से चलने वाली मोटरसाइकिल, स्कूटर और तिपहिया वाहनों पर 2035 तक चरणबद्ध ढंग से बैन करने की सिफारिश की है।
इस पर सरकार ने दिया जवाब
आपको बता दें कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने इस न्यूज़ को लेकर एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने यह कहा कि, ” मंत्रालय को ऊर्जा बदलाव पर गठित समिति की रिपोर्ट मिल गई है। हालांकि भारत सरकार को समिति की यह रिपोर्ट स्वीकार करनी अभी बाकी है।” बता दें कि सरकार को यह रिपोर्ट पिछले फरवरी को सौंपी गई थी। जिसमें साफ तौर पर यह कहा गया था कि 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरी इलाकों में डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों को प्रतिबंधित किया जाए।
शुद्ध कार्बन उत्सर्जन पर भारत सरकार ने दिया बयान
आपको बता दें कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने अपने इस ट्वीट में यह भी कहा है कि, “भारत वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन का टारगेट प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऊर्जा बदलाव पर गठित समिति ने कम कार्बन वाले ईंधन को अपनाने के लिए व्यापक सुझाव दिए हैं। समिति का नजरिया भविष्योन्मुखी है।’’