कई बार रेलवे स्टेशन आने से पहले ही कुछ दूरी पर ट्रेन क्यों रुक जाती है? जानिए इसके पीछे की वजह

हम में से हर किसी ने कभी ना कभी ट्रेन से सफर किया है। कई लोग ऐसे हैं, जो नियमित रूप से या हर दिन ही काम के सिलसिले में ट्रेन से सफर करते हैं। अपना स्टेशन आने से पहले हम 5-10 मिनट पहले ही अपना सारा सामान तैयार कर लेते हैं और उतरने के लिये गेट के पास जाकर खड़े हो जाते हैं, लेकिन जब ट्रेन को स्टेशन पहुंचने से पहले ही आउटर यानी स्टेशन पर रोक दिया जाता है, तो हम झल्ला जाते हैं कि मंजिल के इतने करीब पहुंच कर भी हमें लेट हो जायेगा।

Train On Outer

कई बार तो यात्री ड्राइवर के पास पहुंच जाते हैं और सवाल जवाब करने लगते हैं। हालांकि ट्रेन को आउटर पर रोकने का फैसला ड्राइवर का नहीं होता, बल्कि उसे भी ऐसा करने के लिये निर्देश मिले होते हैं। लेकिन ऐसा क्यों होता है, ये हम आज के हमारे इस लेख में जानेंगे….

ये तो हम सभी को पता है कि भारतीय रेल नेटवर्क की सीमा काफी बड़ी है। भारतीय रेलवे 68,103 किमी (42,317 मील) की कुल रूट लंबाई के साथ आकार के हिसाब से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी राष्ट्रीय रेलवे प्रणाली का प्रबंधन करता है। इसमें से 52,247 किमी (32,465 मील) या सभी ब्रॉड-गेज मार्गों का 83% विद्युतीकृत है। यहां हर दिन लगभग हजारों ट्रेनें चलती हैं। कुछ ट्रेनें स्थानीय होती हैं, जबकि कुछ लंबी दूरी की ट्रेनें होती हैं।

प्लैटफॉर्म पर सभी ट्रेनों के आने के एक विशिष्ट समय तय होता है, जिसके अनुसार अनाउंसमेंट भी की जाती है। इसके साथ ही एक विशेष प्लैटफॉर्म भी हर ट्रेन के लिये निर्धारित है, लेकिन कई बार कुछ कारणों की वजह से ट्रेनें लेट हो जाती हैं। ऐसे में दूसरी ट्रेन के आने का समय हो जाता है।

उस स्थिति में स्टेशन के प्रबंधक ट्रेन के हिसाब से तय करते हैं कि किस ट्रेन को पहले स्टेशन पर लाया जाये। अगर सुपरफास्ट ट्रेन आ चुकी है और कोई पैसेंजर ट्रेन आ रही है, तो उसे आउटर में रुकने का निर्देश दिया जाता है, जिस वजह से उस ट्रेन को आउटर पर रोक दिया जाता है।

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