भारत की एकमात्र नदी जो उल्टी बहती है, जानिए इसके पीछे की वैज्ञानिक कारण क्या है? बहुत कम लोगों को मालूम है असली वजह

प्रकृति में कितनी रोमांचक और हैरान कर देने वाली चीजें मौजूद हैं जिन्हें देखकर बड़ी हैरत होती हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही नदी के बारे में बताने जा रहे हैं जो उल्टी दिशा में बहती हैं। इस नदी का नाम हैं नर्मदा नदी जिसकी कहानी आज हम आपको बताने जा रहे है।

Narmada
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भारत की अधिकांश नदियां एक ही दिशा में बहती हैं यानी कि पश्चिम से पूरब की ओर। लेकिन नर्मदा नदी उल्टी बहती हैं यानी कि ये पूरब से पश्चिम की ओर बहती हैं। नर्मदा नदी को लेकर कई सारे तथ्य मौजूद हैं।

गंगा सहित अन्य नदियां जहा बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है, वही नर्मदा नदी इसके विपरीत अरब सागर में जाकर विलीन हो जाती हैं। पूरब से पश्चिम की ओर बहने वाली ये नदी मध्यप्रदेश और गुजरात की प्रमुख नदी हैं। नर्मदा नदी को भी गंगा की तरह ही पवित्र माना जाता हैं।

नर्मदा नदी के उल्टा बहने का भौगोलिक कारण इसका रिफ्ट वैली में होना है लेकिन पुराणों में इससे जुड़ी कई कहानियां भी बताई गई हैं। नर्मदा के जन्म से जुड़ी एक कहानी प्रचलित हैं कि भगवान शिव के पसीने से नर्मदा उत्पन्न हुई थी। इसका एक अन्य नाम रेवा भी है।

नर्मदा के उल्टे बहने के पीछे भी एक कहानी प्रचलित हैं। नर्मदा राजा मैखाल की पुत्री थी। जब वे शादी के लायक हुई तो उनका विवाह सोनभद्र से तय हुआ। नर्मदा ने सोनभद्र को कभी देखा नही था लिहाजा उन्हें देखने की इच्छा से नर्मदा ने अपनी दासी जोहिला के हाथों उन्हें एक पत्र भेजा।

जोहिला ने जाने से पहले उनसे कपड़े और आभूषण मांगे। वही कपड़े और गहने पहनकर वह सोनभद्र से मिलने चली गई। सोनभद्र ने जोहिला को ही राजकुमारी समझ लिया और उसके सामने प्रेम प्रस्ताव रख दिया। जोहिला की भी नियत डगमगा गई और उसने वह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

काफी दिन तक जोहिला के न लौटने पर नर्मदा चिंतित हो गई और खुद ही सोनभद्र से मिलने चली गई। वहा जाकर उन्होंने सोनभद्र और जोहिला को एक साथ पाया। इस छल से क्रोधित होकर वह उल्टी दिशा में चलने लगी। उल्टा चलते चलते वह बंगाल की खाड़ी के बजाय अरब सागर में जाकर विलीन हो गई। तब से नर्मदा नदी उल्टी ही बह रही हैं।

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