प्यार की निशानी कहे जाने वाले ताजमहल का डिजाइनर कौन था? जिसे बिना सीमेंट की मदद से बना दिया

अगर मोहब्बत की बात आती है तो लैला मजनू, हीर रांझा और ताजमहल का नाम सबसे पहले आता है। ताजमहल मोहब्बत की वह निशानी है जिसकी पूरी दुनिया दीवानी है। ताजमहल जिसे आज हर कोई अपनी आंखों से देखने की तमन्ना रखता है, इसकी सुंदरता को देखने के लिए देश-विदेश के लोग दूर-दूर से आते हैं। मुमताज की याद में शाहजहां के द्वारा बनाई यह इमारत दुनिया के सात अजूबों में गिनी जाती है और आप में से बहुत से लोग इसे आगरा जा कर देखा भी होगा।

Who was the designer of Taj Mahal?

अगर आपने हकीकत में ताजमहल जाकर नहीं देखा है तो फोटो या वीडियो में तो जरूर देखा होगा। आपको बता दें कि इस इमारत को बनाने में सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया है। तो अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि अगर सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है तो फिर यह किस चीज से बनाया गया है? तथा इतनी सुंदर इमारत का डिजाइन किसने किया है? तो चलिए आज की इस लेख में इन्हीं सब बातों की उलझन को सुलझाने का प्रयास करते हैं।

बिना सीमेंट के कैसे खड़ा है ताजमहल?

शाहजहां द्वारा बनाया गया यह ताजमहल उस जमाने में करीब 3 करोड़ की लागत आई थी। आपको बता दें कि इस पूरे ताजमहल की नीव लकड़ी की है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन यह पूरी तरह सच है। ताजमहल की नीव में आबनूस के लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। आबनूस की लकड़ी एक तरह से पत्थर की तरह होती है जो आम लकड़ियों की तरह पानी में तैरता नहीं है, बल्कि यह डूब जाता है।

इस लकड़ी की खास बात यह है कि इसमें कभी दिम्मक नहीं लगती और सबसे जरूरी बात अगर अबरूस की लकड़ी को स्थाई रूप से 30 प्रतिशत या इससे ज्यादा नमी बनाए रखाते हैं तो यह कभी खराब नहीं होगा। ताजमहल के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है जो नींव को यमुना नदी के पानी की वजह से 30 प्रतिशत की नमी बनी रहती है, यही कारण है ये कभी खराब नहीं होता और इसकी वजह से ही यह इतनी मजबूती से खड़ा है ।

अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि इसके ऊपर तो पत्थर और संगमरमर की भरमार है तो आखिर इसे कैसे बिना सीमेंट की मदद से चिपकाया गया है? आपको बता दें कि उस समय संगमरमर को चिपकाने के लिए एक खास तरह का मिश्रण तैयार किया जाता था। इस मिश्रण का नाम सरुज बताया जाता है जिसे सलाइन, चिकनी मिट्टी आदि की सहायता से बनाया जाता था। तो कुछ इस प्रकार से ताजमहल में लगे संगमरमर इतने दिन तक टिका हुआ था।

अखिर इसका डिजाइनर कौन है ?

मुगल काल के कई दस्तावेजों से यह पता चलता है कि शाहजहां ने इस इमारत को बनाने के लिए 37 आर्किटेक्ट को काम पर लगाया था। वहीं कुछ दस्तावेजों से यह भी मालूम चलता है कि इसे बनाने की पूरी जिम्मा मीर अब्दुल करीम और मुकम्मत खां को सौंपा गया था और ताजमहल के ऊपर छोटे-छोटे डिजाइन को अंतिम रूप देने के लिए उस्ताद अहमद लाहौरी को चुना गया था। किसी भी दस्तावेज में ये पूरी तरीके से स्पष्ट नहीं किया गया है कि उस डिजाइनर द्वारा ताजमहल का डिजाइन किया गया है।

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