भारत का सबसे पुराना हाईवे कहां स्थित है? क्या आज भी वहां पर चलती है गाड़ियां? जानिए उस हाईवे की उम्र कितनी है?

क्या आप भारत के सबसे पुराने हाईवे को जानते हैं? यह राष्ट्रीय राजमार्ग 1 के रूप में भी जाना जाता है तथा उसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, और वाणिज्यिक गतिविधियों का गहना भी कहा जाता है। इसकी इतिहास और कहानियां खुद में ही अनोखी हैं। आज हम आपको भारत के सबसे पुराने हाईवे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका इतिहास बहुत सारे लोगों को मालूम नहीं होगा।

Oldest Highway of India
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दुनिया के जिस देश में सड़क अच्छी होती है, वहां की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। इसी वजह से हर देश अच्छी सड़क बनाने का ज्यादा से ज्यादा प्रयास कर रही है। इस मामले में भारत तेजी से तरक्की कर रहा है, क्योंकि इंडिया में सड़क पर तेजी से काम चल रहा है। यही कारण है कि पिछ्ले कुछ वर्षों के अंदर भारत में बहुत सारे हाईवे बने हैं तो चलिए अब मैं आपको इंडिया के सबसे पुराने हाईवे के बारे में बताता हूं।

लगभग 500 साल पुराना हाईवे

ग्रैंड ट्रंक रोड को भारत का सबसे पुराना हाईवे माना जाता है। इस हाईवे की उम्र करीब 500 साल हो गई है और यह भारतीय सड़क नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हाईवे भारत के उत्तर से दक्षिण और पूरे देश को लगातार जोड़ता है।

ग्रैंड ट्रंक रोड उत्तरी भारत को दक्षिणी भारत से जोड़ने वाला मार्ग है। यह श्रीनगर से कोलकाता तक फैला हुआ है और कुल मिलाकर लगभग 2,500 किलोमीटर की लंबाई का है। ग्रैंड ट्रंक रोड ने विभिन्न शासनकालों के दौरान विदेशी आक्रांता, व्यापार और आर्थिक विकास को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद किया है। यह भारतीय इतिहास की एक गहरी छाप है जिसने विभिन्न संस्कृति और सभ्यताओं का पाठ पढ़ाया है और अपने अनोखे इतिहास से लोगों को हैरान किया है।

क्या आज भी उस हाईवे पर गाड़ी चलती है?

उस हाईवे पर आज भी गाड़ियां चलती हैं, जो व्यापार, परिवहन, और पर्यटन के लिए बहुत उपयोगी है। ग्रैंड ट्रंक रोड पर वाहनों का निर्माण, परीक्षण और यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। यह वाहनों के लिए गतिमान प्रदान करता है और वाणिज्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है।

हाईवे का इतिहास क्या है?

ग्रैंड ट्रंक रोड की उत्पत्ति मुगल सम्राट शाहजहां के समय मानी जाती है। यह सड़क पहले दिल्ली से आगरा तक के बीच बनाई गई थी और इसका उद्घाटन 17वीं सदी में हुआ था। ग्रैंड ट्रंक रोड ने उस समय से ही व्यापार और सामरिक कार्यों को बढ़ावा दिया था। इस हाईवे पर राजमार्गों का नेटवर्क बढ़ाते हुए, उसे दक्षिणी भारत के कई और शहरों से जोड़ा गया है।

इस हाईवे ने अपने 2,500 किलोमीटर के रास्ते में सभी धरोहर और नई तकनीकों को अपने अंदर समेटा है। यह भारत के प्राचीन जगहों में से एक है। इसे संरक्षित रखना और उसकी मरम्मत करना अत्यंत आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ियों को इसका महत्व समझने का और इसका आनंद लेने का अवसर मिल सके।

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