Rudraksh ke Fayde: रुद्राक्ष धारण करने से जीवन में आती है सुख-समृद्धि, लेकिन इन 4 नियमों का पालन करना जरुरी

Rudraksh ke Fayde: भारतीय आध्यात्म परंपरा एक समृद्ध और स्वत: प्रमाणित दृष्टिकोण है। इसी परंपरा के अंतर्गत शिव और शिव तत्व को अद्भुत, अकाट्य और सर्वशक्तिमान माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति स्वयंभू शिव के अश्रुओं से हुई है। इसलिए रुद्राक्ष को परम पवित्र और अद्भुत ऊर्जा से युक्त माना जाता है।

Rudraksh ke Fayde
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शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति सदैव निर्भय होता है। क्योंकि उस पर साक्षात् महादेव कृपालु रहते हैं। ऐसे व्यक्ति सदैव आकस्मिक दुर्घटनाओं से मुक्त रहते हैं। आज हम आपको रुद्राक्ष धारण करने से जीवन में होने वाले सकारात्मक प्रभाव को बताएंगे।

1. नकारात्मकता रहेगी दूर

रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक बल मिलता है और नकारात्मकता दूर होती है। भूत प्रेत जैसी अदृश्य शक्तियां भी रुद्राक्ष से भय खाती हैं।

2. जीवन में स्थिरता

रुद्राक्ष धारण करने से जीवन में स्थिरता कायम होती है व कुंडली में मौजूद ग्रहों के उतार-चढ़ाव में नियंत्रण आता है। अतः रुद्राक्ष को किसी भी रूप में धारण करने से ग्रह शांत होते हैं।

3. मानसिक शांति

पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।

4. स्वस्थ शरीर

प्रायः रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं तथा उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी दूसरों की अपेक्षा बेहतर होती है।

5. समृद्धि कारक

जो व्यक्ति एक मुखी रुद्राक्ष धारण करते हैं, वह सभी इच्छित चीजों को प्राप्त करते हैं तथा सुख समृद्धि से परिपूर्ण होते हैं।

रुद्राक्ष धारण करने के नियम

शिव पुराण में रुद्राक्ष धारण करने संबंधी कुछ विशेष नियमों का उल्लेख है जिन्हें आपकी जानकारी के लिए नीचे उल्लिखित किया जा रहा है –

  1. रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सदैव सात्विक भोजन करना चाहिए। तामसिक चीजों जैसे मांस, मछली, मदिरा आदि का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए।
  2. यदि आपने रुद्राक्ष की माला पहनी है तो दूसरे उसे स्पर्श ना करें, इस बात का ध्यान रखें। ऐसा करने से रुद्राक्ष की ऊर्जा क्षय होती है।
  3. किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होने से पहले या शौच क्रिया जाने के पूर्व अपनी रुद्राक्ष की माला किसी साफ और पवित्र स्थान पर रख देना चाहिए।
  4. शिव पुराण के अनुसार एक मुखी रुद्राक्ष उन्हीं लोगों को धारण करना चाहिए जो सांसारिक सुखों से विरक्त हो चुके हैं, अन्यथा इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
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