इन 4 चाय का रोजाना करें इस्तेमाल, फिर कभी नहीं होगी एसिड रिफ्लक्स की समस्या, पाचन तंत्र भी होगा दुरुस्त

एसिड रिफ्लक्स एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है जो अनुचित जीवनशैली इसका मुख्य कारण है। आज कल के बदलते तौर-तरीके, जीवनशैली और जंक फूड का ज्यादा मात्रा में उपयोग की वजह से यह बीमारी काफी लोगो मे देखी जाती है। अपने खान-पान और दिनचर्या में बदलाव, न केवल इस बीमारी के इलाज का एक अहम हिस्सा है बल्कि इसे रोकने के लिए भी काफी आवश्यक है।

Acid Reflux Tea

एसिड रिफ्लक्स के कुछ लक्षण है – जी मिचलाना, पेट में जलन, डकार, खांसना,  गला खराब होना,  इत्यादि। जब आपके शरीर में एसिड रिफ्लक्स हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो यह एक गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है जिसका नाम है गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD)।

अगर आप भी एसिड रिफ्लक्स या जीईआरडी से जूझ रहे है और सोच रहे है कि इससे निजात पाने के लिए क्या किया जाए, तो हम आपके लिए लाए हैं कुछ सरल से घरेलू नुस्खे। आप इन अलग अलग तरह की चाय में से कोई भी चाय को बना कर पी सकते है और हार्ट बर्न एवं एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याओं से छुटकारा पा सकते है। आइये जानते है कौन सी चाय इसमे हमारी मदद कर सकती है।

1. अदरक वाली चाय

एसिड रिफ्लक्स के लिए अदरक वाली चाय काफी फायदेमंद साबित होती है। इस चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट सूजन, जलन, और अन्य लक्षणों से राहत दिलाता है। अदरक हमारे इम्यून सिस्टम को अच्छा रखती है और लिवर को डिटोक्स भी करती है।

2. मुलेठी की चाय

लिकोरिस यानी कि मुलेठी,  जिसे आयुर्वेद में जेष्ठमधु भी कहते है, हमारे शरीर के लिए बहुत ही अच्छी होती है। यह खासकर के खांसी में प्रयोग की जाती है। इसमे एंटीएजिंग प्रॉपर्टी होती है जो हमारी स्किन के लिए फायदेमंद होती है, तनाव को कम करती है और हमारी पाचन क्रिया को ठीक करती है। एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए आप मुलेठी की चाय भी पी सकते हैं।

3. केमोमोइल टी

केमोमोइल चाय अपनी सुखदायक गुणों के लिए जानी जाती है। अध्ययनों से पता चला है कि केमोमोइल चाय हमारे नर्वस सिस्टम को शांत और आराम दायक रखने में मदद करती है। इसकी यही आराम देने वाले गुण सूजन को कम करके एसिड रिफ्लक्स को ठीक करने में मदद करती है।

4. मार्शमैलो रुट टी

मार्शमैलो रूट टी एक ऐसी जड़ी बूटी है जो सदियों से पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए इस्तेमाल की जाती है। यह शरीर की उन कोशिकाओं को स्टिमुलेट करता है जो नए टिश्यू बनाने में सहायक होती है। यह डिजेस्टिव ट्रैक्ट के आस पास एक रेखा बनाने में मदद करती है जिससे सूजन में आराम मिलता है।

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