एक ही सीरियल नंबर के दो नोट, कौन सा है असली और कैसे करें नकली की पहचान? RBI ने दिया जवाब

अगर आप पैसों का लेन-देन करते हैं और अचानक आपको एक ही सीरियल के दो नोट मिल जाएं तो ऐसे में आप क्या करेंगे। इसे लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठने लगते हैं। कई बार नोट लेते समय शक बना रहता है कि यह नोट असली है या नकली। अगर आप इसकी पहचान करना चाहते हैं तो एक ही सीरियल नंबर के दो नोटों के असली और नकली की आसानी से पहचान कर सकते हैं, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) असली और नकली नोटों में फर्क करने की जानकारी देता रहता है, जिससे लोग आसानी से असली और नकली नोट की पहचान कर सकते हैं।

RBI Governor Shaktikanta Das

मान लीजिए आपके पास 2000 रुपए के दो नोट हैं और दोनों का सीरियल नंबर एक ही है। ऐसे में क्या वह नोट नकली माना जाएगा या वैध? आइए जानते हैं कि रिजर्व बैंक इस बारे में क्या कहता है।

देश में करेंसी जारी करने की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की होती है। अधिनियम की धारा 22 के अनुसार रिजर्व बैंक को भारत में नोट जारी करने का अधिकार है। धारा 25 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि नोटों का डिज़ाइन, रूप और सामग्री भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिशों पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार के अनुमोदन के अनुसार तैयार की जाती है।

सीरियल नंबर वही

अब मूल प्रश्न यह है कि अगर दो नोटों का क्रमांक एक ही है तो क्या वे वैध माने जाएंगे? इस संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि यह संभव है कि दो या दो से अधिक बैंक नोटों का सीरियल नंबर एक ही हो, लेकिन या तो एक अलग इनसेट लेटर के साथ या मुद्रण के एक अलग वर्ष के साथ या भारतीय रिजर्व बैंक के एक अलग गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ होगा। एक इनसेट लेटर एक बैंकनोट के नंबर पैनल पर छपा एक अक्षर है। नोट्स बिना इनसेट लेटर के भी हो सकते हैं।

नोटों में सीरियल नंबर

भारतीय रिजर्व बैंक अगस्त 2006 तक जारी किए गए बैंक नोटों को नंबर देता था। इनमें से प्रत्येक बैंक नोट को एक नंबर या अक्षरों से शुरू होने वाला एक अनूठा सीरियल नंबर दिया गया था। ये बैंक नोट 100 पीस के पैकेट के रूप में जारी किए जाते हैं। मान लीजिए कि कोई नोट देय स्थिति में नहीं है, तो आप किसी भी बैंक की शाखा में जाकर इसे बदल सकते हैं।

प्राप्तकर्ता बैंक ऐसे नोटों को अपने पास रखते हैं और उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक को भेजते हैं जहां उन्हें नष्ट कर दिया जाता है। संचलन से वापस लिए गए बैंक नोट भारतीय रिजर्व बैंक के निर्गम कार्यालयों में स्वीकार किए जाते हैं। रिजर्व बैंक अन्य बातों के साथ-साथ इन बैंक नोटों का सत्यापन करता है और तमाम तरह की जांच के बाद अनफिट नोटों को अलग कर उन्हें नष्ट होने की श्रेणी में डाल देता है।

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