आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी इंसान को पूरी तरह से थका कर रख देती है। घर की गृहिणियां हों, काम काजी पुरूष हों या फिर स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को किसी ना किसी तरह क चिंता रहती ही है। साथ ही दिन भर काम में व्यस्त रहने के कारण भी लोग हताश हो जाते हैं। ऐसे में हमारे मन में कई तरह की चिंताएं और नकारात्मक विचार उत्पन्न होने लगते हैं। ये चिंताएं धीरे धीरे हमें कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना देती है। साथ ही साथ इन चिंताओं के कारण हम अपने परिवार के साथ खुशी के दो पल भी नहीं बिता पाते।
खुद को खुश रखने की जिम्मेदारी इंसान की स्वयं की होती है, जिन्हें कुछ अच्छी आदतों को अपना कर संभव किया जा सकता है। आज के हमारे इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताने वाले हैं, जिनके जरिये आप खुद को खुश एवं सकारात्मक रख सकते हैं।
शारीरिक तौर पर गतिशील रहें
खुद को फिजिकली एक्टिव रखने का मतलब ये नहीं है कि आप पूरी दिन काम करते रहें, बल्कि ऐसे किसी काम में खुद को कुछ समय के लिये व्यस्त रखें, जिससे की आपके शरीर को थोड़ा आराम मिले। आप सुबह कुछ देर के लिये योगा कर सकते हैं। ये ना सिर्फ आपके शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि आपके तनाव को कम कर आपको खुशी भी देता है। इसके अलावा आप रात के खाने के बाद कुछ देर गार्डन में वॉक कर सकते हैं। इससे आपको नींद भी अच्छी आयेगी।
खुद की तुलना दुसरों से करना छोड़ दें
हर व्यक्ति अपने आप में खास होता है और हर किसी में कोई ना कोई गुण या अवगुण होता है। ऐसे में किसी दूसरे से खुद की तुलना करना आपको सिर्फ चिंता ही प्रदान करेगा। किसी और से बेमतलब किया गया ये कॉम्पिटिशन आपके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचायेगा साथ ही आपको डिप्रेशन की ओर भी धकेल सकता है।
परिवार और दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करें
खुद को चिंता से मुक्त और खुश रखने का सबसे बेहतरीन तरीका है अपनों के आस-पास रहनवा। दिन भर ऑफिस या घर के काम खत्म करने के बाद रात को डाइनिंग टेबल पर परिवार के साथ बिताया गया समय आपको दिन भर के स्ट्रेस से मुक्त कर सकता है। साथ ही हफ्ते में एक बार परिवार या फिर दोस्तों के साथ आउटिंग पर जरूर जायें।
ताने मारने वाले या शो ऑफ करने वाले लोगों से दूर रहें
हमारे मन की शांति और खुशहाली हमारे आस-पास के वातावरण और लोगों पर काफी हद तक निर्भर करती है। ऐसे में कोशिश करें कि आप ऐसे लोगों के बीच रहें, जो सकारात्मक बातें करते हों ना कि बात बात पर दिखावा करते हों।