स्पीड के मामले में हवाई जहाज को कड़ी टक्कर देगी ये ट्रेन, भारत के इस पड़ोसी देश में हो रहा है उसका निर्माण

बुलेट ट्रेन के बारे में तो आप अच्छी तरह जानते होंगे। चीन और जापान में बुलेट ट्रेन बनाई जाती है और वहां यह ट्रेन चलती भी है। बुलेट ट्रेन रखने के मामले में अब भारत भी तेजी से कदम उठा रहा है। चीन और जापान के बाद भारत में भी अब बुलेट ट्रेन बनाई जा रही है। बस कुछ समय बाद आप भारत में भी बुलेट ट्रेन में बैठकर उसका ले पाएंगे।

Fastest Train

बुलेट ट्रेन को लोग उसकी रफ़्तार की वजह से जानते हैं, लेकिन अब एक ऐसा ट्रेन बनने जा रहा है जो स्पीड के मामले में हवाई जहाज को कड़ी टक्कर देने वाला है। इसमें सबसे आश्चर्य की बात यह है कि वह ट्रेन भारत के पड़ोसी देश में तैयार होने वाला है तो चलिए अब हम उसके बारे में जानते हैं।

चीन बना रहा है अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रेन

भारत फिलहाल बुलेट ट्रेन के बारे में सोच रहा है, लेकिन हमारा पड़ोसी देश चीन ने बुलेट ट्रेन की अल्ट्रा हाई स्पीड का एक नया वर्जन तैयार कर लिया है। चीन बुलेट ट्रेन की जिस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है वह विश्व की पहली एक्सपेरिमेंटल अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रेन होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही ट्रेन मैगलेव लाइन पर चलेगी। आपको बता दें कि इस ट्रेन की स्पीड 1000 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा रहेगी।

हवाई जहाज की स्पीड को भी मात देगी यह ट्रेन

अगर आप बात हवाई जहाजों के एवरेज स्पीड की करें तो उसकी औसतन स्पीड 700 से 800 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। जिसका मतलब यह है कि यह ट्रेन एरोप्लेन से भी ज्यादा तेज दौड़ेगी। इस बात की जानकारी नॉर्थ ईस्ट चीन के हेलो जियांग प्रांत के हरबिन में बन रहे ट्रेन प्रोजेक्ट के काम में लगी बीजिंग की एक ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी कंपनी वर्ल्ड आर्टरी ने दी है। इस कंपनी ने चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को बताया कि इस प्रोजेक्ट का मकसद यहां पर स्थानीय टूरिज्म को बढ़ावा देना है।

क्या है मैगलेव लाइन का मतलब?

अब आप सोच रहे होंगे कि मैगलेव लाइन का क्या मतलब है। तो आपको बता दें कि मैग्लेव लाइन का मतलब मैग्नेटिक लैविटेशन लाइन होता है। इस प्रक्रिया के तहत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स का उपयोग किया जाता है ताकि ट्रेन को आगे बढ़ने के लिए पुश किया जा सके। इसके अलावा अल्ट्रा हाई स्पीड मैगलेव लाइन के लिए एक ट्रांसपोर्टेशन ट्यूब का भी निर्माण किया जाएगा। इसमें जिस ट्यूब का इस्तेमाल किया जाएगा वो एक सेमी वेक्यूम ट्यूब होगा और उसी की मदद से ट्रेन 1000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल पाएगी।

यहां से लाई जाएंगी ट्रेन में लगने वाले जरूरी सामान

इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इस प्रक्रिया में लागत बहुत ही कम आएगी और इसमें सुरक्षा भी काफी बेहतरीन होगा। इस ट्रेन में लगने वाली ट्रांसपोर्टेशन ट्यूब और अन्य जरूरी चीजें वर्ल्ड आर्टरी और हरबिन इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा तैयार किया जाएगा। इस ट्रेन को लेकर वर्ल्ड आर्टरी के प्रेसिडेंट पेंग्विन का कहना है कि यह तकनीक दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा कदम साबित होने वाला है, क्योंकि हकीकत में अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रेन के कांसेप्ट को उतारा जाएगा।

इसी साल सफल रही थी इस ट्रेन की टेस्टिंग

एक खबर के मुताबिक अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रेन की टेस्टिंग इसी साल की गई थी, जो पूरी तरह सफल रहा था। उस खबर में यह भी बताया गया था कि सुपर नेविगेशन व्हीकल का इस्तेमाल करके उस टेस्टिंग को पूरा किया गया था। स्टेटिंग में पता चला था कि स्पीड 50 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा पर भी सारे सिस्टम अच्छी तरह से काम कर रहे थे। इसी टेस्टिंग के बाद चीन के एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन की तरफ से कहा गया है कि आने वाले समय में हमें ऐसा ट्रेन जमीन पर चलते देखने को मिलेगा जो स्पीड के मामले में हवाई जहाज को भी पीछे छोड़ देगा।

चीन इकलौता देश है यह करने वाला

एक खबर के मुताबिक चीन दुनिया का एकमात्र ऐसा देश बन गया है जो मैगलेव लाइन का कमर्शियल इस्तेमाल करने में सक्षम हो पा रहा है। चीन में मैगलेव लाइन शंघाई एयरपोर्ट से लेकर लोंगयांग स्टेशन के बीच बिछाई गई है, उस लाइन पर 30 किलोमीटर की दूरी तय करने में सिर्फ 7:30 मिनट का समय लगता है। वर्तमान में उस मैग्लेव लाइन पर तकरीबन 430 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलती है।

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