70 साल से भी ज्यादा पुरानी है भारत की ये 4 रेलवे स्टेशन, खूबसूरती देखकर सब रह जाते हैं दंग

भारतीय रेलवे विश्व के सबसे पुराने और तब से बिजी रेलवे नेटवर्क में से एक माना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रेलवे का संपूर्ण विश्व में तीसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में भी सबसे पुराने रेलवे स्टेशन कौन-कौन से हैं, आज आपको हम देश के कुछ पुराने ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताएंगे जो बहुत ज्यादा फेमस है, और उनका अपने आप में एक अलग ही नाम है।

Indian Railway

बहुत सारे लोग ऐसे-ऐसे स्थानों पर घूमने के लिए जाना चाहते हैं जो बहुत पुरानी है, लेकिन अधिकतर लोगों को इसकी कोई जानकारी नहीं होती है। इसी वजह से आज हम भारत के उन 4 रेलवे स्टेशन के बारे में बात करने जा रहे हैं जो सबसे अधिक पुराना है।

1. पुरानी दिल्ली का रेलवे स्टेशन

पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन की शुरुआत सन 1864 में की गई थी। उसके बाद सन उन्नीस सौ तीन में इसमें कुछ बदलाव कर दिए गए। चांदनी चौक के पास में स्थित पुरानी दिल्ली के रेलवे स्टेशन की संरचना लाल किले से प्रेरित है। इस रेलवे स्टेशन की खास बात यह है कि यहां 2 लाख से भी अधिक के लोग प्रतिदिन ट्रेन से सफर करते हैं।

​2. हावड़ा जंक्शन​

हावड़ा जंक्शन पश्चिम बंगाल का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन में से एक है‌‌। इसकी शुरुआत 1854 से की गई थी। हावड़ा जंक्शन भारत का ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक माना जाता है। इस रेलवे स्टेशन में लगभग 23 से अधिक प्लेटफार्म मौजूद है। जिसमें 2 लाख से अधिक लोग सफर करते हैं।

3. छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन

भारत के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन का नाम भी शामिल है। इसका संचालन 1853 ईस्वी में हुआ था। घर रेलवे स्टेशन भारत का ऐसा पुराना रेलवे स्टेशन है जो ना केवल भारतीय ही बहुत ज्यादा खूबसूरत है बल्कि है अंदर से भी बहुत खूबसूरत है। इस रेलवे स्टेशन को विक्टोरिया टर्मिनल के नाम से भी जानते हैं। यह यूनेस्को की विश्व विरासत लिस्ट में शामिल किया गया है।मुंबई का यह रेलवे स्टेशन सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन में है।

4. लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन

यह रेलवे स्टेशन बहुत ही खूबसूरत रेलवे स्टेशन है और इसका नाम भारतीय रेलवे स्टेशनों में सबसे पुराने में शामिल किया गया है। सन 1914 में बनाया गया यह रेलवे स्टेशन राजस्थानी और मुगल वास्तुकला का एक मिश्रण माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार यहां पर 1916 में जवाहरलाल नेहरू पहली बार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से मिले थे। 9 प्लेटफॉर्म का यह रेलवे स्टेशन सबसे व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में एक है।

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