भारत में ऐसी बहुत सी चीजें और स्थान है जो सबको अचंभित करती है। इन्ही में से एक है दुनिया का सबसे ऊंचा दरवाजा। जी हां, पूरी दुनिया में सबसे ऊंचा दरवाजा कहीं और नही बल्कि हमारे देश भारत में ही है। आपने बुलंद दरवाजा का नाम तो सुना ही होगा। ये ही है दुनिया का सबसे ऊंचा दरवाजा।

इस दरवाजे के बारे में अभी भी बहुत कम लोगों को मालूम होगा, इस वजह से उनके मन में बहुत सारे प्रश्न हो सकते हैं। वहीं कुछ लोग यह भी सोच रहे होंगे कि बुलंद दरवाजा भारत में कहां पर स्थित है तथा उसे किसने और कब बनाया था। इस तरह के सवाल आपके मन में भी आते होंगे, तो चलिए अब हम बुलंद दरवाजे के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मुगल सम्राट ने करवाया था निर्माण
इस दरवाजे का निर्माण मुग़ल सम्राट अकबर ने गुजरात पर अपनी जीत के रूप में सन 1601 में करवाया था। बुलंद दरवाजे को गेट ऑफ विक्ट्री के नाम से भी जाना जाता है। इस दरवाजे के निर्माण में कुल 12 वर्ष लग गए थे। यह उत्तर प्रदेश राज्य के फतेहपुर सीकरी में स्थित है।
42 सीढ़ियों के ऊपर स्थित है बुलंद दरवाजा
फतेहपुर सीकरी महल का यह प्रमुख प्रवेश द्वार, अगर से लगभग 43 किलोमीटर की दूरी पर है। बुलंद का मतलब होता है महान या ऊंचा। अकबर अपने नाम को बड़ा बनाना चाहता था, इसलिए उसने यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रवेश द्वार, बुलंद दरवाजे के रूप में बनवाया।
42 सीढ़ियों के ऊपर स्थित यह बुलंद दरवाजा, 53.63 मीटर ऊंचा और 35 मीटर चौड़ा है। यह दरवाजा लाल बलुआ पत्थर से बना है, जिसे सफेद संगमरमर से सजाया गया है। दरवाजे के आगे और खंभों पर क़ुरान की आयतें खुदी हुई है। ये दरवाजा एक बड़े आंगन और जामा मस्जिद की ओर खुलता है।
इस शांतिपूर्ण दृश्य का अनुभव करने और दीवारों पर बनी हुई सुंदर कलाओं को देखने दूर दूर से टूरिस्ट आते हैं। भूमि से 280 फूट ऊपर बने इस दरवाजे पर पुराने जमाने के बने विशाल किवाड़, आज भी ज्यों के त्यों लगे हैं। इन किवाड़ों पर आप जगह जगह घोड़े की नाले भी देख सकते हैं।
जैसे ही आप बुलंद दरवाजे के अंदर जाते हैं तो सामने आंगन में फ़क़ीर सलीम चिश्ती की दरगाह बनी है, जिसमे आज भी लोग माथा टेकने और मन्नत मांगने आते हैं। इसके अलावा दाई ओर जामा मस्जिद का भी निर्माण करवाया गया था।