भारत का एकमात्र राज्य जहां तंदूरी रोटी पर लगी है पाबंदी, अगर किसी ने बनाया तो देना होगा 5 लाख रुपया जुर्माना, जानिए इसकी वजह

तंदूरी रोटी कई लोगों की फेवरेट होती है। जब भी ऐसे लोग रेस्टॉरेंट या होटल जाते हैं, तो सीधा तंदूरी रोटी ही ओर्डर करते हैं। आप में से कई लोगों को तंदूरी रोटी पसंद होगी, लेकिन क्या हो अगर आप एक रेस्टॉरेंट में जायें और तंदूरी रोटी ओर्डर करने पर वेटर आपसे कहे कि आपको तंदूरी रोटी नहीं मिल सकती तो।

Tandoor bread

क्या आप सोच सकते हैं कि प्रशासन एक जिले में तंदूरी रोटी पर बैन लगा सकता है। सुनने में भले ही अजीब लग रहा हो, लेकिन ये सच है। भारत के एक जिले में प्रशासन ने तंदूरी रोटी पर ही बैन लगा दिया है। ऐसा क्यों, ये हम आपको आज के हमारे इस लेख में बताने वाले हैं।

इस जगह पर लगा तंदूरी रोटी पर बैन

मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में मिट्टी के चूल्हे या तंदूर भट्टी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रशासन ने इस आधार पर तंदूर पर बैन लगाया है कि कि वे शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ा रहे हैं। ऐसे में यहां के होटल और रेस्टॉरेंट संचालकों से कहा गया है कि वे इसकी जगह इलेक्ट्रिक या एलपीजी अवन का इस्तेमाल करें। प्रशासन के इस नोटिस के बाद रेस्टॉरेंट के मालिक चिंता में पड़ गये हैं कि आखिर बिना तंदूर के तेंदूरी रोटी कैसे बनेगी।

नियम तोड़ा तो वसूले जाएंगे 5 लाख रुपये

इतना ही नहीं, अगर नियम का उल्लंघन किया गया, तो होटल मालिकों को भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को उपयोग पर नजर रखने को कहा गया है। मिट्टी के तंदूर का इस्तेमाल करते पाए जाने पर होटल और रेस्टोरेंट मालिकों पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

हाल ही में जबलपुर में होटलों को इस संबंध में नोटिस दिया गया था। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी बृजेश शर्मा ने कहा, “खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने पारंपरिक मिट्टी के तंदूर भट्टी का उपयोग बंद करने का आदेश जारी किया है, जिसमें ईंधन के रूप में कोयला और लकड़ी का उपयोग किया जाता है”।

होटल संचालकों के सिर पर हाथ

उन्होंने कहा कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में पारंपरिक तंदूर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, होटल संचालकों का कहना है कि इलेक्ट्रिक तंदूर पर तीन गुना ज्यादा खर्च आएगा, जिसका असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा।

प्रदूषण स्तर के अलावा तंदूर की रोटियों में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। शर्मा ने कहा कि सभी होटल, रेस्टोरेंट और ढाबा संचालकों को आदेश का पालन करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है।

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