दुनिया का एकमात्र स्थान जहां पर सब्जियों के दाम में बेचे जाते हैं काजू, वहां जाने के बाद झोला भरकर खरीदते है लोग

भारत का एक ऐसा शहर जहां आलू प्याज से भी सस्ते दामों में काजू मिलते हैं। जब भी काजू खाने या खिलाने के की बता आती है तो लोग जेब बजाने लगते हैं। ऐसे में जब आपको कोई यह कहे की काजू की कीमत आलू प्याज से भी कम है तो आप शायद ही विश्वास करेंगे।

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अगर आप दिल्ली के निवासी है और दिल्ली में 800 रुपये किलो काजू खरीदते हैं तो वहां से करीब 1200 किलोमीटर की दूरी पर आपको एक ऐसा जगह मिल जाएगा, जहां बहुत कम कीमत में काजू मिलते हैं। अगर आप भी उस स्थान के बारे में जानने के लिए इच्छुक है तो यह लेख पूरा पढ़िए।

इस जगह पर सब्जियों के दाम में मिलते हैं काजू

हम जिस स्थान के बारे में बात करने जा रहे हैं वह जगह बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में स्थित है। अगर आप सस्ते दामों में काजू खरीदने के लिए तैयार है तो इस के लिए आपको झारखंड के जामताड़ा जिले में जाना होगा, जहां पर 10 से 20 रुपये प्रति किलो काजू बेचे जाते हैं।

आखिर क्यों काजू इतना सस्ता है?

अब बहुत सारे लोगों के मन में एक सवाल चल रहा होगा कि आख़िरकार वहां पर इतने कम दामों में काजू क्तोयों बेचे जाते हैं। तो मैं आपको बता दूं कि जामताड़ा इसकी बागान है, जिस वजह से वहां के लोग बहुत कम दामों में उसे बेच देते हैं।

काजू की फसल से फायदा होने की वजह से वहां के बहुत सारे लोग इसकी फसल उगाना शुरू कर चुके हैं। काजू के बागान जामताड़ा ब्लॉक मुख्यालय से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि जामताड़ा में काजू की इतनी बड़ी पैदावार कुछ साल के मेहनत के बाद शुरू हुई है।

इस इलाके के लोग बताते हैं कि जामताड़ा के पूर्व आयुक्त कृपानंद झा को काजू खाना बेहद पसंद था, इसलिए वो चाहते थे कि जामताड़ा में काजू का बागान बन जाए। ताकि उन्हें सस्ते दामों में काजू मिल सके, इसलिए कृपानंद जी काजू की खेती करने वालों से मिले, फिर उन्होंने कुछ विशेषज्ञ से जामताड़ा की भौगोलिक स्थिति का पता लगाया।

जब उन्हें मालूम चला कि उस जमीन पर काजू की खेती हो सकती है तो उन्होंने कुछ ही दिनों में काजू की खेती करना शुरू कर दिया, फिर देखते-देखते ही कुछ ही दिनों में बहुत ज्यादा मात्रा में काजू होने लगी। कृपानंद को वहां से जाने के बाद नेताई चंद्र बोस और उनकी कंपनी को तीन लाख के भुगतान पर 3 साल के लिए बगान की निगरानी सौंपी गई। एक अनुमान के मुताबिक हर साल कई हजारों क्विंटल की काजू उगाए जाते है जिस वजह से जामताड़ा में काजू इतने सस्ते दामो में बेचे जाते है।

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