अब भला घूमना फिरना किसे नहीं पसंद होगा। हर कोई साल भर में कम से कम एक बार तो घूमने के लिए कही न कही बाहर जाता ही हैं। हर कोई अपनी पसंद के हिसाब से पहले जगह को चुनता है और फिर वहा घूमने जाने का प्रोग्राम बनाता है। अब ज़ाहिर सी बात है कि कहीं भी जाने के लिए उसको अपना सामान भी पैक करना पड़ता हैं।

अब सामान डालने के लिए लोग ट्रेवल बैग्स का इस्तेमाल करते हैं। आज कल ट्रॉली बैग बहुत ज्यादा कॉमन हो गए हैं, खास कर के जिनमें पहिये लगे हुए होते हैं। लोग अपनी पसंद से, बहुत कुछ देख कर ट्रॉली बैग्स खरीदते हैं। आज कल तो बाजारों में कई तरह की वेरायटीज मिलती हैं ट्रॉली बैग्स की। एक से बढ़कर एक, शानदार, स्टाइलिश लुक वाले और बेहद आरामदायक बैग्स मार्केट में उपलब्ध है।
पहिए वाली ट्रॉली बैग्स ज्यादातर लोगों की पहली पसंद होती है, क्योंकि उन्हें इसे उठाना नही पड़ता है। लोग इसे आराम से चला कर बल्कि घसीटते हुए ले जाते हैं ताकि उसका वजन उन पर न पड़े। लोग कही भी जाते हैं इसे ले जाते हैं लेकिन दुनिया में एक ऐसी भी जगह है जहां इसे ले जाने पर पाबंदी है।
इस शहर में पहियों वाले बैग पर लगा है बैन
सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है। क्या आपको पता है कि वह कौन सी जगह है जहां आप अपना सामान पहियों वाले ट्रॉली बैग्स में लेकर नही जा सकते हैं? शायद नही पता होगा, तो चलिए हम आपको बताते हैं। दरअसल, क्रोएशिया का डबरोवनिक एक शहर है जो बेहद ही खूबसूरत है, यहां के मेयर माटो फ्रैंकोविक ने वहा के रहने वाले लोगों की शिकायत के बाद यह निर्णय लिया है।
जब वहा के रहने वाले लोगों ने मेयर से जाकर रात में होने वाले शोर की शिकायत की, जिसकी वजह से उन लोगों की नींद खराब हो रही थी, तब मेयर ने यह घोषणा की कि अबसे कोई भी यात्री शहर में अपने पहियेदार सूटकेस को लेकर नही जा सकते हैं। इसके पीछे का कारण है वहा की पुरानी सड़कें, जो असमान ईंटे और पत्थरों से बनी हुई है और इन पर ट्रॉली को खींचने से काफी ज्यादा आवाज होती है।
खबरों के मुताबिक यह भी सुनने में आया है कि जो लोग इस नियम का पालन नही करेंगे उन्हें 380 डॉलर, जुर्माने का तौर पर भरने पड़ेंगे और जो लोग अपने बैग्स लेकर जाएंगे उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा शहर के बाहर ही एक जगह तय की जाएगी, जहा पर यात्री अपना सामान छोड़कर शहर के अंदर जाएंगे। बाद में यात्री का सामान कूरियर के जरिए उनके पते पर पहुंचा दिया जाएगा। इससे शहर के लोगों को कोई असुविधा भी नहीं होगी। यह उपाय शहर के एक प्रोग्राम ‘शहर का सम्मान करें’ के अंतर्गत किया गया है।