पीपीएफ खाते में पैसे रखने वालों को सरकार ने दिया बड़ा झटका, लोग जिसकी उम्मीद कर रहे थे वो नहीं हो पाया

गत एक फरवरी, 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश कर दिया है और इस बजट में आम लोगों और कर्मचारियों को लेकर कई बड़े फैसले किये गये हैं। गौर करने योग्य है कि कर्मचारियों को बजट से काफी उम्मीदें थी, जिनमें से कई पूरी हुई, तो कई धरी की धरी रह गयी। इन्हीं में से एक है पीपीएफ योजना।

PPF Scheme

आम जनता को फायदा पहुंचाने के लिये सरकार ने बजट में कई अहम घोषणाएं की हैं। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा कई नई योजनाओं की शुरुआत भी की गई है। हालांकि, सरकार द्वारा लोगों के माध्यम से चलाई जा रही पुरानी योजनाओं में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन सरकार ने उनमें कोई बदलाव नहीं किया।

पीपीएफ योजना को लेकर लोगों को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें थीं और सरकार की तरफ से भी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास किया गया है। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी पीपीएफ स्कीम चलाई जा रही है।

लोगों को उम्मीद थी कि इस बार बजट में सरकार की तरफ से पीपीएफ स्कीम की लिमिट बढ़ाने का ऐलान हो सकता है। पीपीएफ योजना में एक वित्तीय वर्ष में जमा की जा सकने वाली अधिकतम निवेश सीमा को बढ़ाने की लंबे समय से लोग मांग भी कर रहे थे। हालांकि, लोगों की ये उम्मीदें रंग नहीं लायी।

PPF को लेकर सरकार की तरफ से कोई बदलाव नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण 2023 में पीपीएफ को लेकर किसी तरह के बदलाव का जिक्र नहीं किया, जिससे पीपीएफ खाताधारकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। वर्तमान में पीपीएफ में जो लाभ पहले मिल रहा था, वही लाभ भविष्य में भी मिलता रहेगा, यानी कि एक वित्तीय वर्ष में पीपीएफ में निवेश की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये ही रहेगी।

इसके अलावा पीपीएफ पर फिलहाल 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। वहीं पीपीएफ स्कीम में मिलने वाला टैक्स बेनिफिट भी पहले की तरह ही रहेगा और लोग पीपीएफ स्कीम से भी पहले की तरह टैक्स छूट ले सकेंगे।

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