साल 2023 के शुरू होते ही सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त हो चुके पेंशनर्स के लिये दो अच्छी खबरें सामने आयी हैं। इनमें से एक उनके महंगाई भत्ते (Dearness allowance) को लेकर है, तो दूसरी फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) को लेकर। आइये जानते हैं, क्या फायदा होने वाला है सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को।
देश के कर्मचारी हमेशा सरकार से उम्मीद करते हैं कि उनकी सैलरी में बढ़ोतरी कर दी जाए। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है और ऐसा करना सरकार के लिए आसान नहीं है। लेकिन अब केन्द्र सरकार ने देश के सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है तो चलिए अब हम उसके बारे में जानते हैं।
बढ़ेगा महंगाई भत्ता
खबर है कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत का मुनाफा होने वाला है, जिसके बाद कर्मचारियों की आय में 20 हजार रुपए से ज्यादा का लाभ होगा। इसका फायदा 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलने वाला है। खबरों की मानें तो डीए में बढ़ोतरी आगामी मार्च के महीने में हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 38% से बढ़ कर 41% हो जायेगा।
फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) मे होगा इजाफा
फिटमेंट फैक्टर में मुनाफे के बाद कर्मचारियों की आय काफी हद तक बढ़ जायेगी। अगर डीए में बढ़ोत्तरी होती है, तो फिटमेंट फैक्टर में लाभ से केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 8,860 रुपए का इजाफा होगा। फिलहाल, फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है, जबकि आगे चल कर इसके 3.68 गुना होने की संभावना है।
यह विकास देश भर के लाखों कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित फिटमेंट फैक्टर संशोधन की मांग के रूप में आया है। कई महीनों से केंद्र सरकार के कर्मचारी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना करने की मांग कर रहे हैं। अगर फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया जाएगा, तो इसका फायदा सभी वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को होगा।
जानिए कितनी बढ़ेगी सैलरी?
अगर केंद्र फिटमेंट फैक्टर में 3 गुना बढ़ोतरी करता है. तो भत्तों को छोड़कर कर्मचारियों की सैलरी 18,000 X 2.57 = 46,260 रुपये होगी। अगर कर्मचारियों की मांग मान ली जाए तो वेतन 26000 X 3.68 = 95,680 रुपये होगा। अगर केंद्र 3 गुना फिटमेंट फैक्टर बढ़ोतरी को स्वीकार करता है, तो वेतन 21000 X 3 = 63,000 रुपये होगा। सरकारी कर्मचारियों को ध्यान देना चाहिए कि उनका पारिश्रमिक 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत उनके मूल वेतन, फिटमेंट फैक्टर और भत्तों द्वारा तय किया जाता है।