Retirement Age: सरकार ने कर्मचारियों के हित में उठाया बड़ा कदम, अब 60 नहीं बल्कि इतने सालों के बाद होंगे रिटायर

अगर आप भी एक कर्मचारी हैं तो यह जानकारी आपके लिए बेहद ही महत्वपूर्ण हो सकती है। क्योंकि नई पॉलिसीज के मुताबिक अब कर्मचारियों की रिटायर्मेंट की उम्र में पहले की तरह नहीं होगी, बल्कि अब इसमें बढ़ोतरी की जाएगी। इस वजह से सभी कर्मचारी खुश होंगे।

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जहां एक तरफ बेरोजगारी बढ़ी है, महंगाई बढ़ी है तो घर खर्च भी बढ़े हैं। इस वजह से अब कर्मचारियों के द्वारा रिटायर्मेंट की उम्र बढ़ाये जाने की कवायद जोर शोर से बढ़ती जा रही है। इसी वजह से अब सरकार इसमें बढ़ोतरी करने जा रही है।

दरलसल रिटायर्मेंट की उम्र बढ़ाये जाने के एक इम्पोर्टेन्ट ऑर्डर पर राज्य सरकार ने उसे अस्वीकार करते हुए कई तरह तरह की दलिलें दी। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी इन दलिलों पर आपत्ति जताते हुए एक बार फिर से राज्य सरकार को इस विषय पर विचार करने के लिए निर्देशित किया है।

रिटायर्मेंट की उम्र बढ़ाने का प्रस्ताव

भारत के एक राज्य केरल में कर्मचारियों की रिटायर्मेंट की उम्र 56 साल है, जिसे लेकर केरल के हाईकोर्ट में Petition दायर की गई थी। जिस पर विचार करते हुए हाईकोर्ट ने रिटायर्मेंट की उम्र 56 साल से बढ़ाकर 58 साल किये जाने का प्रस्ताव केरल राज्य सरकार को भेजा है।

किन्ही कारणों से केरल राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस प्रस्ताव को Accept नहीं किया। जिस पर केरल हाईकोर्ट ऑब्जेक्शन करते हहुए गुरुवार को मुख्य जस्टिस के प्रस्ताव पर एक नए डिसीजन करने के लिए एक बार फिर से इसे केरल राज्य सरकार को भेजा है। जिसमें कहा गया कि टैलेंटेड कर्मचारियों की रिटायर्मेंट उम्र में इजाफा किये जाने के विषय पर एक बार फिर से विचार किया जाए।

हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने 25 अक्टूबर 2022 को चीफ जस्टिस के प्रस्ताव को राज्य सरकार को भेजा था और प्रस्ताव में लिखा था कि हाई कोर्ट के कर्मचारियों की रिटायर्मेंट की उम्र को 56 साल से बढ़ाकर 58 साल किया जाए।

इसके ठीक एक दिन पूर्व 24 सितंबर 2022 को राज्य के चीफ जस्टिस और चीफ मिनिस्टर के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमे इस संबंध में चर्चा हुई थी और इसके दूसरे ही दिन 25 अक्टूबर को हाई कोर्ट के द्वारा यह प्रस्ताव स्टेट गवर्नमेंट को भेजा गया था।

सरकार का पक्ष

फ़रवरी महीने में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट को इस मामले में गवर्नमेंट की ओर से एक जवाब भेजा था। उन्होंने जवाब में लिखा था कि हाई कोर्ट के द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को एक्सेप्ट करने में हम असमर्थ हैं। आगे उन्होंने लिखा की हाई कोर्ट के कर्मचारियों की रिटायर्मेंट उम्र सरकारी कर्मचारियों के रिटायर्मेंट उम्र के बराबर निर्धारित की गई थी।

वहीं केरल राज्य सरकार के द्वारा कहा गया कि सरकारी कर्मचारियों की रिटायर्मेंट की उम्र में इजाफा किये जाने का अभी तक कोई डिसीजन नहीं लिया गया। इसी को देखते हुए हाई कोर्ट द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार कर उस पर अमल कर पाना सम्भव नहीं है।

हाईकोर्ट के निर्देश

हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मोहम्मद मुस्ताक और न्यायमूर्ति सोफी टॉमस की खंडपीठ ने इस मामले को सज्ञान में लेकर ऑब्जर्व किया। विचार करने के उपरांत हाई कोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट से कहा कि चीफ जस्टिस के रिक्वेस्ट का केवल रिटायरमेंट से रिलेटेड कानून के मोडिफिकेशन शुरू करने के लिए Suitable विचार के प्रस्ताव के रूप में माना जा सकता है।

वहीं रिटायरमेंट की उम्र आयु से रिलेटेड लॉ में मोडीफिकेशन के लिए कदम उठाने के सरकार को निर्देश देना हमारी अथॉरिटी से बाहर है। लेकिन सरकार द्वारा हाई कोर्ट के कर्मचारीयों की रिटायरमेंट की उम्र इजाफा किये जाने के प्रस्ताव को राज्य सरकार द्वारा यह कहकर ठुकरा देना की अभी तक सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र में इजाफा नहीं हुआ है तो फिर हाईकोर्ट के कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र में बढोत्तरी कैसे की जा सकती है।

यह स्टेटमेंट स्टेट गवर्नमेंट की तरफ से किया जाना उचित नहीं। यह प्रस्ताव केवल प्रस्ताव नहीं बल्कि कई लोगों की जिंदगियों से जुडा अहम सवाल है। इसलिए राज्य के विभिन्न संस्थानों के व्यापक हित में सबके विचार समन्वित किया जाना अत्यंत ही आवश्यक है। जिससे की सर्वश्रेष्ठ निर्णय लिया जा सके।

इस मामले में हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 229 का हवाला देते हुवे कहा कि चीफ जस्टिस के पास यह अथॉरिटी है कि हाई कोर्ट के अधिकारी और सेवकों की अपॉइंटमेंट में लीडरशिप कर सके। ऐसे में एम्प्लाइज के हित के लिए बनाई गई सेवा शर्त और सरकार द्वारा बनाए गए लॉ राज्य विधान मंडल के अंतर्गत आते हैं।

सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की सिफारिश

इस मामले को लेकर केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के द्वारा एक उपसमिति गठित की गई थी। उपसमिति ने इस मामले में डिपली विचार किया है और मेघावी कर्मचारी की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की बात कही है।

हाई कोर्ट ने कहा की ने टैलेंटेड एम्प्लॉयीज के रिटायरमेन्ट की उम्र में वृद्धि किये जाने का यह विचार राज्य के विभिन्न संस्थानों तथा प्रशासन के सर्वोत्तम हित में होगा।

वही केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को एक बार फिर से प्रस्ताव भेजकर इस विषय पर गंभीरता से विचार करने की बात कही है। अगर इस मर्तबा राज्य सरकार हाई कोर्ट द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है तो हाईकोर्ट के कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र जों की वर्तमान में 56 साल की है वह बढ़कर 58 साल हो जाएगी।

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