साल 1972 में रेखा और अमिताभ की बनी थी पहली फिल्म, जिसे कोई नहीं देख सकता है, जानें इसकी वजह

1970 के दशक और इसके बाद हिंदी फिल्म जगत में रेखा और अमिताभ बच्चन की जोड़ी को दर्शकों का खूब प्यार मिला। ये जोड़ी फैंस की फेवरेट जोड़ी बन चुकी थी। आप में से लगभग सभी को पता होगा कि रेखा और अमिताभ की पहली फिल्म दुलाल गुहा की दो अनजाने थी। इसके बाद इस जोड़ी ने नमक हराम, सिलसिला और ना जाने कितनी हिट फिल्मों में साथ काम किया।

amitabh bachchan and rekha

अमिताभ बच्चन और रेखा उस दौर में बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन जोड़ियों में से एक थी, क्योंकि इन दोनों ने अपने चाहने वालों को कई बेहतरीन फिल्में दी है। रेखा और अमिताभ की पहली मुलाकात साल 1972 में हुई थी और उस वर्ष इन दोनों की जोड़ी में एक फिल्म भी बनाया गया था, जिसके 7 रील बन गए थे। लेकिन कुछ समस्याओं की वजह से उसे रोक दिया गया।

दो अनजाने नहीं ये थी रेखा और अमिताभ की पहली फिल्म

हालांकि, हम आपको बता दें कि दो अनजाने से पहले भी रेखा और बिग बी एक फिल्म में काम कर चुके हैं, लेकिन इस फिल्म के बीच में कुछ रुकावटें आ गयी। 1970 के दशक की शुरुआत में, जब अमिताभ बच्चन बॉलीवुड में अपने पैर जमाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब उन्होंने फिल्म निर्माता जीएम रोशन और डायरेक्टर कुंदन कुमार की फिल्म ‘अपने-पराए’ का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। फिल्म में उनके साथ फीमेल लीड रोल रेखा करने वाली थी, जो दोनों की साथ में पहली फिल्म होती, लेकिन फिल्म के कुछ सीन शूट होने के बाद इस फिल्म को अचानक बंद कर दिया गया।

अमिताभ को फिल्म से निकाला

हालांकि, कुछ समय बाद ये फिल्म रिलीज हुई, लेकिन फिल्म का नाम और लीड एक्टर यानी की अमिताभ बच्चन दोनों ही बदल दिये गये थे। दरअसल फिल्म निर्माताओं को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा था, जिस वजह से अमिताभ बच्चन की जगह फिल्म में संजय खान को लाया गया और फिल्म का नाम रखा गया दुनिया का मेला।

एक गाने की हो चुकी थी शूटिंग

ये भी बताया जाता है कि जब कुंदन ने अमिताभ बच्चन को दुनिया का मेला के लिये साइन किया था, तो उनके फैसले को सभी ने मुर्खता बताया था, क्योंकि उस समय तक अमिताभ बच्चन ने सात हिंदुस्तानी, प्यार की कहानी, बॉम्बे टू गोवा, परवाना और गेहरी चाल जैसी सुपरफ्लॉप फिल्मों में काम किया था। हालांकि, कुंदन अपनी बात पर अडिग रहे और उन्होंने हिट-निर्माता लक्ष्मीकांत-प्यारे लाल द्वारा रचित एक रोमांटिक गाने ये चेहरा ये जुल्फें जादू सा कर रहे हैं की भी शूटिंग की, जिसे रेखा और अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया था।

इसके बाद डिस्ट्रिब्यूटर्स ने फिल्म से पीछे हटने की धमकी दी। उन्होंने कुंदन कुमार को सलाह दी कि वह अमिताभ को फिल्म से हटा दें। बिग बी को रातों-रात फिल्म से निकाल दिया गया,और उन्हें अपने नुकसान की ठीक से जानकारी भी नहीं दी गई। उनकी जगह संजय खान ने ले ली। संजय  ने 60 के दशक के अंत और 70 के दशक की शुरुआत में कई हिट फिल्में दी थीं।

हालांकि, नियति ने कमाल का खेल खेला और 1974 में रिलीज हुई फिल्म जंजीर से अमिताभ बच्चन ने पूरे मनोरंजन उद्योग पर कब्जा कर लिया था। दुनिया का मेला का वही युगल गीत, जो बच्चन और रेखा के साथ शूट किया गया था, संजय और रेखा के साथ फिर से शूट किया गया था।

तकनीकी रूप से दुनिया का मेला अमिताभ-रेखा अभिनीत पहली फिल्म है। अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए अमिताभ बच्चन कहते हैं कि उन्हें बिल्कुल कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा था “मैं फ्लॉप फिल्मों से जूझ रहा था। मैं आभारी था कि उन्होंने मुझे फिल्म के लिए चुना। मेरी जगह मेरे संजय खान ने ले ली थी, जो उस समय बड़े स्टार थे।”

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