गीता के इन 5 उपदेश को पढ़ने से मनुष्य की बदल जाती है जिंदगी, फिर हर जगह मिलती है सफलता

श्री मदभगवद गीता हिंदुओं का एक बहुत ही पवित्र ग्रंथ है। महाभारत का वह भाग जब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को महाभारत के युद्ध में सलाह दी थी, वही भगवद गीता है। उस समय भगवान श्री कृष्ण ने जीवन के रहस्य अपने कथन के माध्यम से समझाए थे। 

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वह कथन आज भी हर व्यक्ति के जीवन में उतने ही महत्वपूर्ण और सही दिशा दिखाने वाले हैं जितने कि महाभारत के समय अर्जुन के लिए थे। अगर आप भी अपनी ज़िंदगी में कभी भी दो राहे पर खड़े हो तो आपको भी अपनी हर परेशानी का जवाब भगवद गीता में मिल सकता है।

आज हम आपको गीता में लिखी गई कुछ बातों के बारे में बताएंगे, जो यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में अपना लेता है तो उसे कामयाबी हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता है।

1. परिवर्तन ही संसार का नियम है

व्यक्ति एक पल में रंक से राजा और राजा से रंक बन सकता है। पृथ्वी भी स्थिर नहीं है, यह हर समय घूमती रहती है। दिन के बाद रात,  रात के बाद दिन और बहुत गर्मी के बाद एक सुखद ठंडा मौसम आता है। ये सब बातें इस कथन की पुष्टि करते हैं कि परिवर्तनशीलता संसार का नियम है। इसलिए उन बातों के लिए दुखी होने की आवश्यकता नहीं है जो निश्चित नहीं है।

2. ध्यान

ध्यान अर्थात मेडिटेशन से मन एक दीपक की लौ की तरह अटूट बन जाता है। हमारी समस्या यह है कि हम खुद को ही नही जानते। ध्यान हमे खुद से मिलाता है और जब हम खुद को जान जाते हैं तो समझ आता है कि जिंदगी जादुई है।

3. कल की चिंता न करें

गीता में लिखा है कि जो कल बीत चुका है और जो कल आने वाला है उसकी व्यर्थ चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जो होना निश्चित है, जो लिखा हुआ है, वही होगा। श्री कृष्ण कहते हैं जो हुआ अच्छा हुआ, जो रहा है वह भी अच्छा हो रहा है और जो होने वाला है वह भी अच्छा ही होगा। इसलिए भविष्य की चिंता त्याग कर हमें अपने आज पर ध्यान देना चाहिए।

4. क्रोध पर नियंत्रण रखें

भगवान श्री कृष्ण का कहना है कि काम, क्रोध और लोभ आत्मा का नाश कर देता है। गीता में कहा गया है कि गुस्से से भ्रम पैदा होता है और भ्रमित व्यक्ति अपने मार्ग से भटक जाता है।

5. अच्छे और बुरे दोनो वक़्त को स्वीकार करे

इंसान को अच्छा और बुरा दोनो ही समय देखने को मिलता है। कोई भी वक़्त हमेशा एक समान नही रहता, इसलिए हर परिस्थिति इंसान को स्वीकार करनी चाहिए।

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