Property Rights for adopted Child: माता-पिता की संपत्ति पर उनके बच्चों का अधिकार होता है ये तो सभी को पता है। लेकिन जब किसी बच्चे को गोद लिया जाता है तो उस बच्चे के माता-पिता की संपत्ति पर अधिकार होता है या नहीं ये सवाल हर किसी के मन में रहता है। कई मामलों में पाया गया है कि जब बच्चे के माता-पिता की मौत होती है तो उसे रिश्तेदार गोद लेते हैं। रिश्तेदार गोल लिए बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते और उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। कई बार ऐसे बच्चों को अपने अधिकारों के बार में भी पता नहीं होता है।
बच्चों को अपने अधिकार नहीं पता होता है तो वह अपने अधिकारों से वंचित रहते हैं। हाल ही में तेलंगाना हाई कोर्ट ने इस मामले को क्लियर किया है। गोद लिए बच्चे अपने असली माता-पिता की संपत्ति पर दावा कर सकते हैं या नहीं चलिए आपको विस्तार से बताते हैं।
गोद लिए बच्चे अपने माता-पिता की संपत्ति पर कर सकते हैं अधिकार? (Property Rights for adopted Child)
तेलंगाना हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक, गोद लेने के बाद बच्चा अपने जन्म देने वाले परिवार का सहदायिक नहीं होते हैं। हिंदू उत्तराधिकार कानून के अंतर्गत सहदायिका शब्द का इस्तेमाल उस व्यक्ति के लिए होता है जिसे हिंदू अविभाजित परिवार यानी हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली में जन्म से ही पैतृक संपत्ति में कानूनी अधिकार प्राप्त कर सकता है।
इसका मतलब ये है कि अगर किसी बच्चे के पैरेंट्स की डेथ हो जाती है तो उनकी संपत्ति का अधिकार उनके बच्चों को मिलेगा और जो उनके केयरटेकर होते हैं उन्हें बच्चे का ख्याल रखने के लिए कुछ धन देने का प्रावधान है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें छोटे बच्चों के माता-पिता की किसी ना किसी वजह से डेथ हो जाती है।
ऐसे में उनके परिवार को ओई सदस्य उस बच्चे की देखरेख करने लगता है लेकिन संपत्ति उसके बालिग होने तक उस रिश्तेदार के पास अमानत के तौर पर रहती है। जब बच्चा बालिग हो जाता है तो वो संपत्ति परिवार वाले उस बच्चे को सौंप देते हैं और अगर बच्चा उस संपत्ति में कुछ उन्हें देना चाहता है तो दे सकता है।