भारत का ऑटो उद्योग दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोटिव उद्योगों में से एक है, जिसके भविष्य में और भी बढ़ने का अनुमान है। हालांकि, लोगों को यह जानना चाहिए कि भारत का ऑटो उद्योग कैसे शुरू हुआ और देश में पहली कार कैसे बनी। साथ ही इस बात की जानकारी भी बहुत कम लोगों को है कि हमारे देश भारत में पहली बार कार खरीदने वाला व्यक्ति कौन था और उसकने कौन सी कार खरीदी थी। आज की इस लेख में हम इसी बारे में चर्चा करने वाले हैं।
आज के समय में जब कोई सेलिब्रिटी कार खरीदता है तो इसकी जानकारी उनके फैंस तक अवश्य पहुंच जाती है, लेकिन अधिकतर लोगों को शायद ही मालूम होगा कि भारत में सबसे पहले कार किस व्यक्ति ने खरीदी थी। तो चलिए अब हम उस शख्स के बारे में जानते हैं जो इंडिया में सबसे पहले कार खरीदा था।
ये थी पहली’मेड इन इंडिया’ कार
भारत में निर्मित होने वाली पहली कार हिंदुस्तान एंबेसडर थी, जो काफी हद तक यूके के मॉरिस ऑक्सफोर्ड पर आधारित थी। इसे मॉरिस मोटर्स, यूके के साथ तकनीकी सहयोग के माध्यम से कोलकाता में निर्मित किया गया था, और बाद में यह हिंदुस्तान मोटर्स का एंबेसडर बन गया। यह पहली बार 1948 में निर्मित किया गया था। हिंदुस्तान मोटर्स ने गुजरात में परिचालन शुरू किया था, लेकिन बाद में इसे कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थानांतरित कर दिया गया।
भारत में इस व्यक्ति ने खरीदी थी पहली कार
श्री जमशेदजी टाटा कार रखने वाले पहले भारतीय नागरिक थे। 1897 में भारत आने वाली पहली कार द क्रॉम्पटन ग्रीव्स बॉस, फोस्टर नाम के एक अंग्रेज के पास थी। हालांकि, अगले वर्ष, टाटा समूह के श्री जमशेदजी टाटा देश में कार रखने वाले पहले भारतीय बन गए। वह टाटा समूह के संस्थापक हैं। साथ ही, रतन टाटा, टाटा समूह के वर्तमान चेयरमैन एमेरिटस, जैविक रूप से जमशेदजी टाटा से संबंधित नहीं हैं।
सालाना कारोबार 16 लाख करोड़ रुपये से अधिक
1991 में जेआरडी टाटा से बागडोर संभालने के बाद रतन टाटा टाटा समूह के पांचवें निदेशक बने। जब रतन टाटा टाटा समूह में शामिल हुए, तो इसका वार्षिक कारोबार लगभग 10000 करोड़ रुपये थे। यह अब बढ़कर उनके नेतृत्व में 16 लाख करोड़ हो चुकी है। कंपनी के साल-दर-साल (YOY) रेवेन्यू में पिछले वर्ष से 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।