भारत में रहने वाले लोग ज्यादातर ट्रेन में ही सफर करना पसंद करते हैं क्योंकि यह बहुत आरामदायक और सस्ता होता हैं। लेकिन जब भी हम टिकट बुक करने जाते हैं तो कई बार हमें दिखाया जाता हैं कि पूरी ट्रेन फुल हैं और किसी भी कोच में कोई सीट उपलब्ध नहीं है। तो क्या सच में ऐसा होता हैं या फिर कुछ और कारण है इसके पीछे।
तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता हैं। ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि ट्रेन में बारह तरह के कोटे होते हैं। पूरी ट्रेन की केवल 50 प्रतिशत सीट्स ही नॉर्मल बुकिंग के लिए दी जाती हैं बाकी की इन कोटो के लिए रख दी जाती हैं। तो आइए जानते हैं इन कोटो के बारे में।
1. जेनेरल कोटा – ये हम जैसे आम आदमी के लिए होता हैं जो हम यात्रा के 120 दिन पहले से ही बुकिंग कर सकते हैं।
2. तत्काल कोटा – इसके बारे में सभी लोगों को पता ही होगा। ये भी हम आम जनता के लिए ही हैं लेकिन इसे हम ट्रेन के सोर्स स्टेशन से निकलने के 24 घंटे पहले ही बुक कर सकते हैं।
3. प्रीमियम तत्काल कोटा – ये भी तत्काल की तरह ही हैं। बस इसमें सीट के दाम उसकी डिमांड के हिसाब से घटते बढ़ते हैं। ये सब ट्रेनों में उपलब्ध नहीं है।
4. लेडीज कोटा – हर बोगी में, हर कोच में 2-2 सीट्स लेडीज के लिए रिज़र्व होती हैं। जितनी ज्यादा बोगी होगी उतनी ही सीट्स लेडीज के लिए अलग से रिज़र्व रख दी जाती हैं।
5. सीनियर सिटीजन कोटा – ये उन लोगों के लिए जो बुजुर्ग हैं और उन्हें लोअर सीट ही चाहिए होती हैं। इसमें शर्त यह होती हैं कि अगर पुरुष हैं तो उनकी उम्र 60 साल से ज्यादा होनी चाहिए और महिला हैं तो उनकी उम्र 45 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए।
6. हैंडीकैप्ड कोटा – यह विकलांग व्यक्तियों के लिए होता हैं।
7. H O कोटा या इमरजेंसी कोटा – यह जितने भी बड़े बड़े आदमी होते हैं जैसे नेता लोग होते हैं, उनके लिए होता हैं।
8. पार्लियामेंट कोटा – यह और भी बड़े जो वी आई पी लोग होते है उनके लिए होता हैं।
9. डिफेंस कोटा – यह हमारे देश के सिपाहियों के लिए होता हैं, आर्मी या नेवी वालों के लिए।
10. फॉरेन कोटा – यह अगर कोई विदेशी यात्रा करने आता हैं तो उनके लिए है।
11. ड्यूटी पास कोटा – ये रेलवे के कर्मचारियों के लिए है। जब उन्हें रेलवे के किसी काम से कही जाना होता हैं और अगर उन्हें ही सीट नही मिलेगी तो काम कैसे होगा।
12. युवा कोटा – ये सिर्फ युवाओं के लिए है और केवल स्टूडेंट्स के लिए ही हैं।