अब कोई नहीं कर पाएगा किसी की संपत्ति पर अवैध कब्जा, सरकार ने शुरू की नई योजना

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड के भौतिक वितरण का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह कदम ग्रामीण भारत को “आत्मनिर्भर” बना देगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इसके साथ ही पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस इवेंट में कहा “लाभार्थियों के पास अब अपने घरों के मालिक होने का अधिकार, एक कानूनी दस्तावेज होगा। देश ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है, क्योंकि यह योजना ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है”।

देश के हर गांव में दिये जायेंगे संपत्ति कार्ड

पीएम ने कहा कि हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के 100,000 लाभार्थियों को उनके घरों के कानूनी कागजात सौंपे गए हैं और अगले तीन-चार वर्षों में देश के हर गांव में ऐसे संपत्ति कार्ड देने का वादा किया गया है। रविवार को समाज सुधारकों और राजनेताओं जय प्रकाश नारायण और नाना जी देशमुख की जयंती भी मनाई गई, जिन पर मोदी ने अपने दो शब्द रखे।

प्रधानमंत्री ने कहा “इन दोनों महापुरुषों की जयंती सिर्फ एक ही तारीख पर नहीं पड़ी, बल्कि उनके संघर्ष और आदर्श भी समान थे। नानाजी और जेपी दोनों ने ग्रामीण भारत और गरीबों के सशक्तिकरण के लिए अपना पूरा जीवन संघर्ष किया”। मोदी ने नानाजी के शब्दों को याद करते हुए कहा कि “जब गांव के लोग विवादों में फंसे रहेंगे, तो न वे अपना विकास कर पाएंगे और न ही समाज का”।

मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग नहीं चाहते कि किसान आत्मनिर्भर बनें, उन्हें कृषि क्षेत्र में सुधारों से दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा “पिछले छह वर्षों में गांवों में एक अभूतपूर्व स्तर का विकास हुआ है, जो आजादी के पिछले सात दशकों में नहीं हुआ है। पिछले छह वर्षों में ग्रामीणों को बैंक खाता होने, बिजली कनेक्शन प्राप्त करने, शौचालय तक पहुंच, गैस कनेक्शन प्राप्त करने, पक्का घर होने और पीने का पानी मिलने जैसे लाभ मिले हैं। देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का एक बड़ा अभियान भी तेजी से चल रहा है”।

संपत्ति का रिकॉर्ड बढ़ायेगा नागरिकों का विश्वास

पीएम मोदी ने कहा कि भूमि और मकान का स्वामित्व देश के विकास में बड़ी भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा “जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है, तो नागरिकों का विश्वास बढ़ता है और निवेश के नए रास्ते खुलते हैं। संपत्ति, रोजगार व स्वरोजगार के रास्ते खुले होने पर बैंक से आसानी से ऋण मिल जाता है, लेकिन मुश्किल यह है कि आज दुनिया में सिर्फ एक तिहाई आबादी के पास ही कानूनी तौर पर अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड है”। प्रॉपर्टी कार्ड से ग्रामीणों के लिए बिना किसी विवाद के संपत्ति खरीदने और बेचने का रास्ता साफ हो जाएगा।

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