इस दुनिया में कुछ देशों की अर्थवयवस्था बहुत मजबूत है, जिस वजह से उनका नाम दुनिया के सबसे अमीर देशों की सूची में आता है। लेकिन इस धरती पर कुछ ऐसे देश भी है जिसकी अर्थवयवस्था बहुत ज्यादा कमजोर है, इस वजह से वहां के अधिकतर लोग गरीबी में अपना जीवन जी रहे हैं।
जब किसी गरीब देश की बात होती है तब लोगों के मन में पाकिस्तान का नाम सबसे पहले आता है, क्योंकि इन दिनों पाक की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। लेकिन आज हम एक ऐसे देश के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसकी आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा खराबा है कि वहां के लोग 50 रुपये भी रोजाना नहीं कमा पाते हैं।
बुरुंडी है दुनिया का सबसे गरीब देश
दुनिया में कई ऐसे देश है जो अपनी गरीबी के लिए जाने जाते हैं तथा वह जोड़-तोड़ कर अपनी अर्थव्यवस्था के पहिए को संचालित कर रहे हैं। दुनिया की सबसे गरीब देश के रूप में बुरुंडी अपनी पहचान हासिल करता है, पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा गरीबी की मार इस देश में पड़ती है। बुरुंडी दुनिया की सबसे गरीब देश में पहले स्थान पर अपना नाम दर्ज किए हुआ है।
बुरुंडी साउथ अफ्रीका के शहर के रूप में पहचान हासिल करता है। बुरुंडी पर एक समय में ब्रिटेन और अमेरिका दोनों ने शासन किया था। हालांकि साल 1996 के बाद यहां की अर्थव्यवस्था डगमगा गई, फिर वह दुनिया का सबसे बड़ा गरीब देश बन गया। बुरुंडी की जनसंख्या की बात की जाए तो वहां पर 1 करोड़ 20 लाख लोग निवास करते है, जिसमें से 85% जनसंख्या बहुत हयादा गरीबी का शिकार है।
वहां के निवासियों का जीवन स्थानीय कृषि पर टिका हुआ है। जहां एक तरफ दुनिया के कई देश इतने विकसित है कि उन्हें जरूरत से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध है तो दूसरी तरफ बुरुंडी में जरूरत की सुविधा भी हासिल करना एक बड़ी चुनौती के समान है। बुरुंडी के लोगों का पृथ्वी पर जीवन बिताना दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है।
साल 1996 से 2005 के बीच बुरुंडी में जातीय संघर्ष चलता रहा जिससे वहां की अर्थव्यवस्था पिछड़ दी गई तथा उस दौरान कई लोगों की जानें भी चली गई। यूट्यूब चैनल के ब्लॉगर रूही सेनेट के जानकारी के मुताबिक वहां के स्थानीय लोगों की प्रतिवर्ष आय 14 हजार रुपए है।
इसके अलावा वहां पर बेरोजगारी काफी ज्यादा है जिस वजह से 3 में से सिर्फ एक आदमी कमा पाता है। वहां के लोग कड़ी मेहनत करने के बाद भी एक दिन में 50 रुपये तक नहीं कमा पाता है। दुनियाभर के कई गरीब देश जैसे बुरुंडी, मेडागास्कर, सवालिया आदि के लिए यूएन तथा विकसित देशों द्वारा कई तरह के कैंप चलाए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद यह देश गरीबी रेखा से ऊपर नहीं उठ पा रहा है।