Mutual Fund Tax: पिछले वित्त वर्ष के अंतिम दिन रिडीम किया MF, नए वर्ष में मिला पेमेंट, आमदनी किस साल की? इस टॉपिक पर हम विस्तार से जानेंगे कि यह किस प्रकार कार्य करता है और आमदनी का कैसे पता लगाया जा सकता है। बहुत से निवेशक शेयर बाजार या इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसे लगाते हैं। म्यूचुअल फंड एक अच्छा टूल है लॉन्ग टर्म में धन की वृद्धि के लिए।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश का फायदा यह है कि इसे लॉन्ग टर्म निवेश के रूप में देखा जाता है, जिससे आपको केवल 10% की आयकर दर पर टैक्स लगता है। अगर आप एक साल तक निवेश करते हैं, तो आपको इस लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लाभ का अनुभव करने का मौका मिलता है।
म्यूचुअल फंड टैक्स से जुड़ी अहम जानकारी (Mutual Fund Tax)
टैक्स कंसल्टेंसी फर्म रवि रंजन एंड कंपनी के टैक्सेशन पार्टनर सीए कमलेश कुमार बताते हैं कि इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश का एक और फायदा है। इसमें आपको साल में एक लाख रुपये तक के कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं लगता है। लेकिन यहां ध्यान रखना जरूरी है कि आपको फंड को रिडीम करते समय और शेयर बेचते समय टैक्स की जानकारी रखनी चाहिए। इनकम टैक्स एक्ट में म्यूचुअल फंड के लिए एक खास प्रावधान है।
यह कानून कहता है कि जो म्यूचुअल फंड स्कीम्स अपने एसेट का 65 फीसदी या उससे अधिक हिस्सा भारतीय लिस्टेड कंपनियों की शेयरों में निवेश करती हैं, उन्हें इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड कहा जाता है। इसमें निवेश करने पर निकाले गए पैसे पर इक्विटी यानी शेयरों में निवेश के तरह ही टैक्स लगता है।
शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन
इक्विटी म्यूचुअल फंड में 12 महीने से अधिक का निवेश लॉन्ग टर्म माना जाता है। अगर किसी ने 12 महीने से अधिक का निवेश करके पैसे निकाले, तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। यदि कोई इक्विटी फंड को एक साल के भीतर ही रिडीम करता है, तो भी उस पर 15% कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
एक लाख का मुनाफा टैक्स फ्री
इक्विटी म्यूचुअल फंड में पाया गया कैपिटल गेन टैक्स फ्री होता है, जिसका मतलब है कि आप एक साल से अधिक होल्ड किए गए निवेश पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, यदि आपका मुनाफा एक साल से कम है, तो आपको 10% कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।
29 मार्च को रिडीम किया, नए साल में मिला पैसा तो क्या?
इस मामले में अगर असेसी ने 28 मार्च 2024 को इक्विटी म्यूचुअल फंड रिडीम किया है तो उसका कैपिटल गेन वित्तीय वर्ष 2024-25 में ही गिना जाएगा। इससे वह नए वित्त वर्ष में पैसा प्राप्त करेगा और उस पर टैक्स वित्त वर्ष 2024-25 में ही लगेगा।
भारतीय आयकर कानून के अनुसार, कैपिटल गेन की गणना उस वित्तीय वर्ष में होगी जिसमें ट्रांजेक्शन हुआ है न कि पेमेंट प्राप्ति के वर्ष में। इसका मतलब है कि यदि असेसी ने 28 मार्च 2024 को इक्विटी म्यूचुअल फंड रिडीम किया है तो उसका कैपिटल गेन वित्तीय वर्ष 2023-24 में ही गिना जाएगा और इस पर टैक्स उसी वर्ष में लगेगा।