इस पेड़ को कहा जाता है कुबेर का खजाना, कुछ ही सालों में बन जाता है पैसे छापने की मशीन, किसान जल्द बन सकते हैं करोड़पति, जानिए कैसे?

किसी भी व्यक्ति को जीवन में सफलता के लिए मेहनत, लगन व धैर्य की जरूरत होती है। अमीर बनने की चाह में जल्दबाजी करके कभी-कभी व्यक्ति गलत फैसले ले लेता है। इसीलिए संजीदा निवेशक अपने पैसे का निवेश सोच समझकर व लंबी अवधि के लिए करते हैं। ऐसे निवेशक इस दौरान होने वाले उतार-चढ़ाव को बड़े धैर्य से झेलते हैं पर अंततः वह अच्छा रिटर्न पाने में सफल होते हैं।

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इस तरह के निवेशक म्यूचुअल फंड, स्टॉक मार्केट व एफडी आदि में निवेश करना पसंद करते हैं। पर आपको बता दें कि यदि थोड़ा और धैर्य व प्रयास करें तो चंदन के पेड़ों का बाग लगा कर आप दूसरे अन्य लांग टर्म इन्वेस्टमेंट से भी ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि किस प्रकार के चंदन के पेड़ों पर इन्वेस्टमेंट करें कि भविष्य में एक दमदार रिटर्न मिल सके।

जैसा कि ऊपर कहा गया है कि लंबी अवधि के निवेश में धैर्य की आवश्यकता होती है अतः यह मानकर चलें कि चंदन के पेड़ों में यदि आप निवेश कर रहे हैं तो उसे पैसे से ज्यादा समय का निवेश माने क्योंकि कुछ समय के बाद आपको जो रिटर्न लाभ होगा वो आपको हैरान कर सकता है।

चंदन के खेती की समय सीमा

जैविक रूप से चंदन की खेती करने से 10-15 वर्ष में ही काटने लायक लकड़ी प्राप्त की जा सकती है। लेकिन पारंपरिक रूप से चंदन की लकड़ी प्राप्त करने के लिए 20-25 वर्ष का समय लगता है। लाल चंदन दक्षिण भारत में होता है व सफेद चंदन उत्तर भारत में। चंदन के पेड़ लगाने का एक लाभ यह भी है कि इससे तीन चार फीट की दूरी पर कोई अन्य पेड़ भी लगा सकते हैं। क्योंकि दूसरे पेड़ों से ही चंदन के पेड़ को पोषण मिलता है। चंदन का बाग लगाते समय साफ सफाई का ध्यान रखना होता है क्योंकि पौधे के विकास के लिए ऐसा जरूरी है।

निवेश तथा उससे होने वाली आय

यह मान कर चलिए कि जितने बड़े क्षेत्र में चंदन लगाया जाएगा लाभ की दर भी उसी अनुसार होगी। अब देखते हैं कि 1 हेक्टेयर में यदि चंदन का बाग लगाते हैं तो कितने लाभ का अनुमान कर सकते हैं। यदि आप ₹150 या ₹200 मूल्य के 600 पेड़ लगाते हैं तो 10 15 वर्ष में प्रति पेड़ 2 से 5 लाख रूपए मिल सकते हैं। 2 लाख में भी यदि एक पेड़ बिकता है तो 600 पेड़ के 12 करोड रुपए मिलेंगे। 5 लाख पर 30 करोड़ की बिक्री होगी। अब सोच लीजिए कि इतना लाभ कोई म्यूचल फंड या एफडी से भी नहीं हो सकता।

चंदन की खेती के लिए सरकारी अनुदान

पहले चंदन की खेती को सरकार ने प्रतिबंधित किया हुआ था। पर अब सरकार इसके लिए अनुमति के साथ ही 28 से 30 हजार रूपए तक का अनुदान भी देती है। चंदन की खेती करने वाले कृषकों को सरकार को ही अपने चंदन बेचने होते हैं, इसे स्वयं काटने की अनुमति नहीं होती। इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को सूचित करना होता है। अतः सरकार ही पेड़ कटवाती है और उसके लिए निर्धारित मूल्य का भुगतान करती है।

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