वेस्टइंडीज से भारत लौटते ही क्रिकेट को अलविदा कह देगा ये खिलाड़ी, टीम इंडिया के लिए बन चुका है बोझ

भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों वेस्टइंडीज के साथ उन्ही के घर में तीन वनडे मैचों की सीरीज खेल रही है जिसमे दो मुकाबले खेले जा चुके हैं। उस दौरान टीम इंडिया को पहले मैच में जीत और दूसरे में हार का सामना करना पड़ा था। इस वजह से यह श्रृंखला फिलहाल बराबरी पर अटक गया है।

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इस वनडे सीरीज का तीसरा और अंतिम मुकाबला मंगलवार को खेला जाएगा। उस मैच को जो भी टीम जीतेगी उसी के नाम यह श्रृंखला हो जाएगा। इससे पहले दोनों टीमों के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी, जिसमे टीम इंडिया को 1-0 से जीत हासिल हुआ था।

भारत आते ही संन्यास ले सकता है ये खिलाड़ी

भारतीय टीम में ऐसे कई खिलाड़ी मौजूद है जिनके संन्यास को लेकर खबरें आती रहती है। वहीं कुछ ऐसे क्रिकेटर भी है जो लंबे समय से खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं, इस वजह से फैंस को लगता है कि वो कभी भी क्रिकेट को हमेशा के लिए छोड़ सकता है। लेकिन आज हम जिस खिलाड़ी के बारे में बात कर रहे हैं उसे 10 सालों के बाद टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला है, लेकिन कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने सिर्फ पानी पिलाने के लिए उन्हें अपने साथ रखा है।

हम बात कर रहे हैं तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट की, जिसे 10 वर्षों के बाद टीम इंडिया के लिए वनडे क्रिकेट खेलने का मौका मिला है। लेकिन अब नहीं लग रहा है कि उनादकट जो कभी प्लेइंग में मौका दिया जा सकता है, क्योंकि भारत के पास पहले से कई ऐसे खिलाड़ी मौजूद है जो उनसे अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। ऐसे में भारत वापस लौटने के बाद जयदेव उनादकट संन्यास की घोषणा कर सकते हैं।

ऐसा रहा जयदेव उनादकट का करियर

31 वर्षीय जयदेव उनादकट बाएं हाथ से तेज गेंदबाजी करते हैं। घरेलू क्रिकेट में कई बार अच्छी गेंदबाजी करने के बाद भी सलेक्टर्स ने उन्हें ज्यादा मौके नहीं दिए। इस वजह से उनका इंटरनेशनल क्रिकेट करियर कुछ खास नहीं रहा। पिछले 10 सालों के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे क्रिकेट में उनादकट को मौका दिया गया, लेकिन वो प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह बनाने सफल नहीं रहे।

जयदेव उनादकट का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर कुछ खास नहीं रहा है। इसी वजह से उन्हें भारत के लिए सिर्फ 4 टेस्ट, 7 वनडे और 10 ओडीआई मैच खेलने का मौका मिला। उस दौरान उनादकट टेस्ट में 3, वनडे में 8 और टी20 क्रिकेट में 14 विकेट झटके हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं जयदेव उनादकट को भी लगने लगा होगा कि आगे उनका करियर सही नहीं है, इस वजह से भारत लौटने के बाद वो इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले सकता है।

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