अपना शौक पूरा करने के लिये कई लोग अपने घरों में पालतू जानवरों को रखते हैं। कइयों को कुत्ते पालने का शौक होता है, कइयों को पक्षी तो कई लोग अपने घरों में बिल्ली पालते हैं। हालांकि, आपने कई लोगों को कहते हुए सुना होगा कि बिल्ली को घर में नहीं पालना चाहिये, क्योंकि इससे घर में लक्ष्मी का वास नहीं होता। वास्तु शास्त्र में भी यही बताया गया है कि बिल्ली अलक्ष्मी की सवारी है, जिस वजह से इसे घर में पालना ही नहीं बल्कि बिल्ली का घर में बार-बार आना भी अशुभ संकेत माना जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार बिल्लियां घर में नकारात्मक उर्जा लेकर आती हैं। बिल्ली अगर बीचा रास्ते में आपका रास्ता काट कर निकल जाये, तो इसे भी अशुभ माना जाता है। बिल्ली के रास्ता काट देने पर लोग कुछ देर नहीं रुक कर फिर अपना सफर दोबारा शुरू करते हैं।
वहीं, दूसरी ओर दिवाली पर जब घर में बिल्ली नजर आ जाये, तो आपने कुछ लोगों को उसे माता लक्ष्मी का स्वरूप भी कहते सुना होगा। कुछ मान्यताएं ये भी कहती हैं कि बिल्लियां धन और संपत्ति की देवी लक्ष्मी का प्रतीक हैं।
कहा जाता है कि बिल्ली को घर में पालने से दक्षिण पूर्व दिशा से जुड़े दोषों को कम किया जा सकता है। यहां तक कि घर में बिल्लियां पालना घर की महिला सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं।
बिल्लियों को चतुर और आक्रामक माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं का मानना है कि बिल्लियां अशुभ होती हैं और उन्हें पालतू जानवर के रूप में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि वे घर में दुर्भाग्य लाती हैं। अगर बिल्ली आपकी रसोई में घुस कर दूध पी जाये, तो इसे अशुभ माना गया है।
वहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार काली रंग की बिल्ली को काफी अशुभ और बुराई का प्रतीक माना गया है, जबकि सफेद बिल्ली को शुभ बताया गया है। हालांकि, किसी भी जानवर के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिये। ये जानवर बेजुबान होते हैं और इन्हें भी स्नेह की आवश्यकता है।