हर किसी को किसी भी काम के लिए कुछ न कुछ पैसों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में सब क्या करते हैं कि वे लोन ले लेते हैं। कोई बैंक से लोन लेता है तो कोई अपने रिश्तेदारों या फिर दोस्तो से पैसे उधार लेकर अपना काम चला लेता है।
अगर आपने भी अपने दोस्त या रिस्तेदार को उधार में पैसे दे दिए हैं तो उससे पहले आपको इन नियमों को जान लेना जरूरी है क्योंकि कही ऐसा न हो कि आप भावनाओं में बह जाओ और लोगों की मदद कर दो और बाद में आपकी परेशानी ही बढ़ जाए।
वैसे तो अपने रिश्तेदारों या दोस्तों से उधार में लिया गया पैसा टैक्स फ्री होता है। हालांकि इसके लिए सरकार ने और आयकर विभाग ने कुछ नियम और कानून बनाए हैं और इस पर कुछ पाबंधिया भी लगाई गई है। चलिए जानते है इसके बारे में सब कुछ डिटेल्स में।
जब आप अपने रिस्तेदारों से लोन लेते हैं तो इस बात का ध्यान रखना है कि 20 हज़ार रुपए से ज्यादा राशि का नकद में लेन देन न करें और न ही बियरर चेक द्वारा करें। यदि आपको इससे ज्यादा राशि का लेन देन करना है तो आपको बैंक अकाउंट के जरिए पैसे ट्रांसफर करने होंगे जैसे आप यूपीआई के द्वारा कर सकते हैं।
आपको इस बात का खास ध्यान रखना है कि ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने से भी आपकी राशि 50 हज़ार रुपए से ज्यादा नही होनी चाहिए। यदि आपकी राशि इससे अधिक होगी तो आपको टैक्स देना होगा क्योंकि केवल उसके नीचे तक कि राशि ही टैक्स फ्री है।
यदि आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आयकर विभाग आपसे लोन अमाउंट के बराबर राशि पेनल्टी के रूप में लेने का काम करेगा यानी कि आपसे सौ प्रतिशत राशि की वसूली होगी। इनकम टैक्स कानून 1961 की धारा 269ss किसी भी व्यक्ति को अपने खाते में अन्य व्यक्ति से कुल 20 हज़ार रुपए से अधिक कैश जमा या लोन के तौर पर लेने से रोकती है।