अक्सर कुछ लोगों के मन में यह सवाल आता है कि अगर वो अपने अकाउंट में कुछ पैसे जमा कराते हैं, तो क्या उन पर पेनल्टी लगेगी? आपको तो पता होगा कि आप अपने एकाउंट में 2,00,000 रुपए तक जमा कर सकते हैं, पर कुछ लोगों के पास इससे भी ज्यादा धन होता है, चाहे वो उनकी मेहनत की कमाई हो, काला धन हो या फिर काफी सालों से पैसे जोड़कर रखते है वे भी हो सकते है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या उन पर पेनल्टी लगेगी? इस सवाल का जवाब आपको मिलेगा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेक्शन 270A की धारा, जो कि 1961 एक्ट का हिस्सा है और यह डील करता है इस पेनल्टी से। आज का हमारा ये लेख है आयकर विभाग की धारा 270A पर है जिसे वर्ष 2017-2018 से लागू किया गया था। तो चलिए जानते है कि आखिर माजरा क्या है।
इनकम टैक्स में कभी न करें ये गलतियां
सबसे पहले तो हम जानते है कि पेनल्टी कब और क्यों लगाई जाती हैं। आप जो अपना कैश डिपाजिट करते है अपने बैंक एकाउंट में और आप जो अपनी रिटर्न फ़ाइल में जो अपनी इनकम दिखाते हैं, वे दोनों में ज्यादा अंतर नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो आप पर पेनल्टी जरूर लगेगी। तो आपकी रिटर्न इनकम और कैश डिपाजिट मैच करनी चाहिए, तब आपको पेनल्टी नही लगेगी।
अब जानते है कि आखिर आप ऐसी कौन सी गलती करते हैं जो धारा 270A के तहत आप पर पेनल्टी लगेगी। इसके लिए बहुत ही साधारण से दो शब्द है जिसे आपको बिल्कुल भी नही करना है, वे है – मिसरिपोर्टिंग और अंडर रिपोर्टिंग। अगर आप पेनल्टी से बचना चाहते है तो गलती से भी ये गलती न करें। अगर आप मिस रिपोर्टिंग या अंडर रिपोर्टिंग, इनमे से कुछ भी नहीं कर रहे है तो घबराने की कोई बात ही नहीं है।
अब समझते हैं कि इन दो शब्दों का आखिर मतलब क्या है। तो देखिए अगर आपने अपनी रिटर्न फाइल में इनकम कम दिखाई है और आयकर विभाग को अगर यह पता चल जाता है कि आपकी असली इनकम तो कुछ और ही है, तो आप पर धारा 270A के तहत पेनल्टी जरूर लगेगी। यानी कि आपकी रिटर्न फाइल की इनकम के मुकाबले यदि आपकी असली इनकम ज्यादा है, तो आपको जुर्माना भरना होगा।
जितना का डिफरेंस आपकी इनकम में पाया जाएगा, उस पर जो टैक्स बनता है, उस पर दो सौ प्रतिशत का भुगतान आपको आयकर विभाग को करना होगा। इसलिए सबसे बेहतर तरीका किसी भी पेनल्टी से बचने के लिए यह है कि ईमानदार रहे और जितनी आपकी इनकम है, उस पर जितना टैक्स बनता है वो भरिए।