साल 1940 में बिजली बिल हर महीने सिर्फ इतने रुपये आती थी, 83 साल बाद वायरल हुई बिल की तस्वीर

बिजली का बिल हर महीने आम आदमी और गरीबों की टेंशन बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ता। आज के वक्त में संसाधनों और सुविधाएं जहां बढ़ी हैं, वहीं, लोगों की जरूरतें भी बढ़ती जा रही है। पहले जहां, लोग एक पंखे में दिन गुजार लेते थे, वहीं अब एसी और कूलर भी कम पड़ता है। फ्रिज, पानी की मोटर, हर कमरे में लाइटें, टीवी, मोबाइल चार्ज, कंप्यूटर, हीटर और इसी तरह के कई उपकरणों की वजह से अब बिजली का बिल मानों लोगों को लिये आफत बन गया है।

Electricity Bill In 1940

बिजली की बचत के लिये सरकारें भी सोलार ऊर्जा जैसी योजनाएं चला रही हैं। जब लोग बढ़ा हुआ बिजली का बिल देखते हैं, तो उनके मुंह से निकल जाता है कि पहले के जमाने में सारी चीजें सस्ती आती थी और अब बिजली का बिल भी काफी ज्यादा आने लग गया है और ये वाकई में सच है। बिजली का बिल आज से कई सालों पहले काफी कम था। अगर आपसे कोई कहे कि एक वक्त था, जब बिजली का बिल सिर्फ 5 रूपये आता था, तो क्या आप विश्वास करेंगे। आप विश्वास करें या ना करें, लेकिन हम आपको बता दें कि ये सच है। जी हां, आइये जानते हैं।

एक महीने का बिजली बिल सिर्फ 5 रुपये

हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर होटल के बिल, पुरानी मोटरसाइकिल के बिल, सोने की कीमत जैसी विभिन्न चीजों के कई पुराने बिल वायरल हो रहे हैं। इसी कड़ी में अब साल 1940 यानी कि आजादी से भी पहले का एक बिजली के बिल की फोटो वायरल हो रही है। इस बिल में साफ लिखा है कि पूरे एक महीने की बिजली आपूर्ति का उपयोग करने के लिए बिल राशि के रूप में महज 5 रुपये लिये गये हैं। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर ये बिल वायरल हो रहा है और नेटिज़न्स ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया है।

1940 का है वायरल बिल

यह बिजली का बिल 15 अक्टूबर, 1940 का है और बॉम्बे इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रामवे कंपनी लिमिटेड का था, जो एक गैर-सरकारी कंपनी थी, जिसे 7 अगस्त, 1947 को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा अधिग्रहित किया गया था।

इस वायरल पुराने बिल में देखा जा रहा है कि सिर्फ 3.10 रुपए बिजली की खपत हुई है और टैक्स जोड़ने के बाद यह बिल 5.2 रुपए का हो गया है। उस समय बिजली के बिल हाथ से लिखे जाते थे जैसा कि हम वायरल बिल में देख सकते हैं।

जैसे ही बिजली का बिल वायरल हुआ, नेटिज़न्स ने पुराने बिल की तुलना वर्तमान बिजली दरों से करना शुरू कर दिया। 1940 के दशक में बिजली सिर्फ 10 रुपये में मिलती थी। 5 रूपये प्रति माह, लेकिन अब एक यूनिट की कीमत 50 रुपये हो गई है।

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