ट्रेन के एक इंजन की कीमत कितनी होती है? जानिए एक इंजन बनाने में कितना खर्च लगता है? जानकर उड़ जाएंगे होश

भारत में चलने वाली जितनी भी ट्रेन है उसके इंजन बनाने में बहुत पैसे खर्च होते हैं। भारत में दो तरह के इंजन पाए जाते हैं पहला इलेक्ट्रिक इंजन और दूसरा डीजल इंजन। इलेक्ट्रिक इंजन में भी कई तरह के इंजन होते हैं, जैसे पैसेंजर ट्रेन का इंजन अलग होता है और फ्रेड का इंजन अलग। इनकी अलग तरीके की कैटेगरीज होती हैं। पैसेंजर इंजन को वेग 4,5,6 की कैटेगरीज में डालते हैं और फ्रेड के इंजन को वेग 9H, 9Hi इस तरह की कैटेगरीज में डालते हैं।

Train Engine Price
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हमारे देश में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनके मन में ट्रेन को लेकर बहुत सारे सवाल उठते रहते हैं, उसमे से एक सवाल यह भी आता है कि ट्रेन का इंजन तैयार करने में कितना खर्च आता है। अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते हैं तो यह लेख अंत तक पढ़िए, क्योंकि इसके बारे में आगे विस्तार से सभी जानकारी दी गई है।

इंजन की कीमत जानकार हो जाओगे हैरान

जब WAG5 इंजन सेंट्रल लेन से आयात होकर आता है तो इसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है, क्योंकि इसे आसनसोल के CNW कारखाने में असेंबल किया जाता है। इसकी कीमत लगभग 32 करोड़ रुपए की बैठती है यानी एक इंजन को कीमत 32 करोड़ होगी, लेकिन जब यही इंजन भारत में बना तो इसकी कीमत 8 करोड़ रुपये की हो गई।

ऑस्ट्रेलिया से इम्पोर्ट होता है यह इंजन

फ्रेड वाले इंजन वेग-9 को ऑस्ट्रेलिया और सिटीजन लेन दोनों जगहों से इंपोर्ट कराया जाता है। इसकी कीमत भी 32 करोड़ होती है, लेकिन जब इसे भारत में CNW कारखाने में बनाते हैं तो इसकी कीमत 13.5 करोड़ से 15 करोड़ की बैठती है। WAG 7 की कीमत 12 से 13 करोड़ है और WAG 12 की कीमत 25n करोड़ रुपये बैठती है। यह नंबर या संख्या उसके पावर और उसकी कैपेसिटी को बताती है इसलिए इनकी कीमत में अंतर होता है।

इंजन की पावर से लगाई जाती है कीमत

आपको बता दूं कि मौजूदा वक्त में एक ट्रेन के इंजन में 16 सिलेंडर होते हैं। एक सिलेंडर की क्षमता 10,941 सीसी होती है, इसे अगर 16 गुने कर दें तो इसकी क्षमता 1,75,000 सीसी होती है। भारतीय रेलवे ट्रेन के इंजन को पावरफुल बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है। ट्रेनों के उस इंजन की कीमत उसके पावर से लगाई जाती है। इलेक्ट्रिक और डीजल के इंजन का भारतीय रेलवे इस्तेमाल करती है। आपको बता दें कि लगभग 52% ट्रेनें डीजल इंजन से संचालित की जा रही है।

इलेक्ट्रिक और डीजल वाले इंजन का परिचालन की समस्या को दूर करने के लिए इंजन को dual-mode पर चलाया जाता है जिससे आवश्यकता अनुसार डीजल और इलेक्ट्रिक मोड दोनों पर चला सकते हैं। Dual-mode वाले इंजन की कीमत 18 करोड़ की होती है जबकि सिंगल मोड वाले इंजन की कीमत 10 से 12 करोड़ की होती है। आपको बता दें कि डुअल मोड वाले इंजन भारी होते हैं, इनकी ज्यादातर रफ्तार 135 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है।

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