ये है दुनिया का सबसे बड़ा होटल, जिसमें मौजूद है 10 हजार कमरे, लेकिन 80 सालों से पड़ा है बंद, जानिए वजह

आप में से कई लोग वेकेशन मनाने या फिर काम के सिलसिले में शहर से बाहर किसी अनजान जगह पर जाते होंगे, जहां सर छुपाने के लिये छत आपको होटल वाले ही देते हैं। अगर आप एक बिजनेस मैन या फिर ट्रैवलर हैं, तो आपको होटलों के बारे में अच्छी खासी जानकारी और यहां की सुविधाओं के बारे में पता होगा। एक अच्छे से अच्छे होटल में मेहमानों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है।

Hotel Prora
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दुनिया में कई आलीशान होटल्स भी मौजूद हैं, जिन्हें अगर एक नजर देखा जाये, तो फिर नजर हटा पाना मुश्किल हो जाता है। आज के इस लेख में हम आपको ऐसे ही एक भव्य और विशाल होटल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किसी महल से कम नहीं है, लेकिन बावजूद इसके आज तक इस होटल में एक भी व्यक्ति ने स्टे नहीं किया है।

इस होटल में 80 सालों ने नहीं रुका कोई व्यक्ति

हम जिस होटल की बात कर रहे हैं, उसका नाम है होटल दा प्रोरा। ये भारत नहीं बल्कि विदेश में है। होटल द प्रोरा जर्मनी के बाल्टिक सागर के रुगेन आइलैंड पर स्थित है, जिसमें कुल 10 हजार कमरे हैं। 1936 से 1939 के बीच इस होटल का निर्माण हुआ था, लेकिन तब से ही ये बंद पड़ा है और इसका कारण है द्वितीय विश्वयुद्ध।

होटल को बनाने का काम 9000 से ज्यादा मजदूरों ने किया था, जब जर्मनी में हिटलर की नाजी सेना का राज था। 10 हजार कमरों वाला ये होटल साढ़े चार किलोमिटर क्षेत्र में फैला हुआ है। होटल में कई सुख सुविधाएं हैं, जैसे सिनेमा हॉल, स्वीमिंग पूल आदि। यहां तक कि यहां शादियां भी आयोजित की जा सकती है।

हालांकि, बताया जाता है कि जब इस होटल को बनाया जा रहा था, तब द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू हो गया और सारी सेना और मजदूर उसमें व्यस्त हो गये। विश्वयुद्ध के समाप्त होने के बाद भी होटल का निर्माण पुनः शुरू नहीं हुआ।

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