High Court Decision: जब लड़की की शादी हो जाती है तो वो अपने पति के साथ ससुराल में ही रहती है । पति पत्नी के बीच किसी भी विवाद या किसी भी अन्य कारणों की वजह से तलाक हो जाता है तो ऐसे में पति-पत्नी को एल्यूमनी के तौर पर उसके भरण पोषण के लिए पैसे देता है। लेकिन इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने बहुत ही अहम फैसला सुनाया है।आखिर क्या है पूरा मामला;
संगीता टोप्पो ने रांची के फैमिली कोर्ट में अपने हसबैंड अमित कुमार कच्छप के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज करवाया था। संगीता ने अपने हस्बैंड और ससुराल वालों पर ये आरोप लगाया था कि उसके ससुराल वाले उससे दहेज में कार, फ्रिज व LED टीवी जैसे चीज़ों क मांग कर रहे थे।
संगीता अपने ससुराल वालों से तंग आकर अलग होने का फैसला किया। संगीता अपने पति अमित से अलग होकर रहने लगी। संगीता द्वारा दायर की गई याचिका पर कोर्ट का कहना है कि अगर कोई पत्नी अपने पति से बिना किसी वैध करण से अलग होती है तो ऐसे में पति उसके भरण पोषण के लिए पैसे नहीं देगा।
पत्नी अपने पति पर भरण पोषण के लिए पैसों की मांग नहीं कर सकती है। दरअसल संगीता ने कोर्ट में पति द्वारा भरण पोषण के पैसे देने की मांग की थी जिसके मुताबिक संगीता के पति अमित को उसे हर महीने 15 हजार रुपए देने होते। लेकिन कोर्ट ने संगीता का केस रद्द कर दिया है।
हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों के बयानो को सुनकर लिया ये फैसला
दरअसल संगीता के पति अमित का यह कहना है कि उसकी पत्नी संगीता केवल एक सप्ताह के लिए जमशेदपुर में उसके साथ उसके घर में रही। जिसके बाद वह अपने की देखभाल करने के लिए रांची चली गई। संगीता ने अमित से कहा था कि वो 15 दिनों के अंदर वापस आ जाएगी ।लेकिन बार-बार मिन्नतें करने के बाद भी वह नहीं आई।