अभी तक आपने चावल के जितने भी किस्म जैसे बासमती, 6444, पनियर आदि का सेवन किया है लेकिन आज मैं ऐसे चावल के विषय में बताने वाला हूं, जो खाने में लजीज भी है और साथ ही साथ पोषक तत्वों से भरपूर है।
हालांकि इस चवल का बजट थोड़ा सा ज्यादा है। इसका कारण यह है कि इसको उत्पादन करने के लिए 48 डिग्री सेल्सियस की गर्मी चाहिए और धान की जड़े पानी में 24 घंटे डूबी होनी चाहिए। अगर इस चावल का रोजाना सेवन किया जाए तो इससे मनुष्य हमेशा फिट रहेगा तथा उनकी आयु भी बढ़ेगी।
तब जाकर यह हसावी चावल पैदा होता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस चावल का रंग लाल रंग का होता है इसलिए इसे रेड राइस भी कहते हैं। अरेबियन लोग इस चावल का उपयोग खासकर बिरयानी बनाने के लिए करते हैं।
हसावी राइस की कीमत क्या है?
सऊदी अरब के रेगिस्तान में उत्पादित होने वाला हसावी राईस के 1 किलो कीमत का दाम 50 रियाल है। यदि सऊदी रियाल को इंडियन करेंसी में कन्वर्ट करें तो 500 रियाल का लगभग ₹1000 होगा अर्थात भारत देश में हसावी राइस की कीमत ₹1000 से लेकर के अधिकतम 1100 रुपये तक हो सकती है। यदि हम भारत की बात करें तो यहां बासमती चावल की औसतन ₹160 किलो से लेकर के ₹200 किलो के अंदर मिल जाएगा।
हसावी राइस में कौन कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?
हसावी राइस में विटामिन में विटामिन ए और बी पाया जाता है और सूक्ष्म पोषक तत्वों में जिंक की अधिकता रहती है। इसके साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट, एंटीपायरेटिक और anti-diabetic तथा एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से युक्त है।
हसावी राइस की तुलना बासमती चावल से की जाती है, वहीं कुछ रिसर्च में इसे बासमती से बेहतर भी बताया गया है। क्योंकि इस चावल में फेनोलिक और फ्लैवोनायड की मात्रा बासमती के मुकाबले अधिक पाए जाते हैं।
हसावी राइस के बारे में कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपने भोजन में इस चावल का इस्तेमाल करेगा है उन्हें अच्छी मात्रा में पोषक तत्व तथा फाइबर मिलती है। इसका मतलब यह हुआ है कि इससे आपका शरीर पूरी तरह फिट रहेगा तथा उनकी आयु भी लंबी होगी। इसी वजह से हसावी राइस की कीमत इतनी ज्यादा है।