भारत सरकार ने इनकम टैक्स भरने वालों को दिया बड़ा तोहफा, अब इतनी ज्यादा इनकम पर भी नहीं देना होगा टैक्स

केंद्रीय बजट 2023 पेश होने में अब बस एक महीने से भी कम समय बचा है। इस बीच आम लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। साथ ही आगामी 2024 में देश में आम चुनावों के मद्देनजर कयास लगाये जा रहे हैं कि इस बजट में केंद्र सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को नयी सौगातें दे सकती है।

Income Tax Payer

इसी कड़ी में कई खबरों में ये दावा किया जा रहा है कि सरकार आयकर छूट की सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है। जिन लोगों की आय अच्छी-खासी है उन्हें इसके बारे में सभी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए और उसमे आपको यह लेख मदद करने वाला है।

आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ा कर की जायेगी 5 लाख

समाचार एजेंसी आईएएनएस ने घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि 2023-24 के आगामी बजट में, सरकार के आयकर छूट की सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की संभावना है। इस कदम से खपत को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे आर्थिक सुधार भी हो सकता है। सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि यह निवेश को भी बढ़ावा देगा।

1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी केंद्रीय बजट

गौरतलब है कि आगामी 1 फरवरी, 2023 को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। आय का अधिकतम स्लैब, जो आयकर के लिए प्रभार्य नहीं है, वह अब तक 2.5 लाख रुपये है। 60-80 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों के लिए छूट की सीमा 3 लाख रुपये और 80 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट की सीमा 5 लाख रुपये है।

यदि सरकार वास्तव में इस कदम के साथ आगे बढ़ती है, तो करदाताओं के लिये ये वाकई में नये साल का एक उपहार होगा। हर साल वित्त मंत्री केंद्रीय बजट में वित्तीय वर्ष के लिए आयकर स्लैब की घोषणा करते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में, सरकार ने आयकर स्लैब और दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इस प्रकार, एक करदाता पिछले वित्तीय वर्ष की तरह ही कर का भुगतान करना जारी रखेगा।

वित्त वर्ष 2019-20 तक, चार टैक्स स्लैब और टैक्स दरों के साथ केवल एक टैक्स व्यवस्था थी। उस कर व्यवस्था में, करदाता 80C, 80D जैसे वर्गों के तहत कटौती का दावा करके सकल कुल आय को कम करने में सक्षम थे, और मकान किराया भत्ते पर कर छूट, यात्रा अवकाश रियायतें भी दी गईं।

वित्त वर्ष 2020-21 से, एक नई, रियायती कर व्यवस्था पेश की गई थी। नई कर व्यवस्था में पुरानी, ​​मौजूदा कर व्यवस्था की तुलना में कर की दरें कम हैं। नई टैक्स व्यवस्था में 7 टैक्स स्लैब और दरें हैं। यदि करदाता नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें लगभग 70 सामान्य रूप से प्राप्त कर कटौती और छूटों को छोड़ना होगा।

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