सरकार ने Post Office ग्राहकों के लिए लाई बड़ी खुशखबरी, अब सबकी लगेगी लॉटरी, पहले से अधिक होगी इनकम

पोस्ट ऑफिस के ग्राहकों को केंद्र सरकार ने नये साल का बड़ा तोहफा दिया है, जिससे उनकी कमाई बढ़ जायेगी। दरअसल ये तोहफा उनके लिये हैं, जो अपना पैसा एकमुश्‍त निवेश के जरिए अगर हर महीने कमाई का जरिया खोज रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबित केंद्र सरकार ने स्‍मॉल सेविंग्‍स स्‍कीम पर बड़ी राहत दी है और पोस्‍ट ऑफिस मंथली इनकम स्‍कीम के लिए ब्‍याज दरों में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है।

Government brought great news for Post Office customers

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद इस स्‍कीम पर 6.7 फीसदी की जगह 7.1 फीसदी सालाना ब्‍याज ग्राहकों को मिलेगा। वहीं, साथ ही योजना में नए सिरे से रूपये जमा करने वाले ग्राहकों की मासिक आय बढ़ जायेगी। बता दें कि पोस्‍ट ऑफिस मंथली इनकम स्‍कीम की ब्‍याज दर अब 7.1 फीसदी सालाना हो चुकी है, जिसके बाद ज्‍वॉइंट अकाउंट से अधिकतम निवेश 9 लाख रुपये किया जा सकता है। कुल मिला कर सालाना ब्‍याज 63,900 रुपये और मासिक ब्‍याज 5325 रुपये हो गया है। सिंगल अकाउंट से निवेश 4.50 लाख रुपये, सालाना ब्‍याज 2,66,250 रुपये और मासिक ब्‍याज 22,188 रुपये है।

बात करें, पहले की तो दिसंबर की तिमाही में पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम के लिये सालाना ब्याज 6.7 फीसदी की दर से मिल रहा था, जिस हिसाब से देखा जाये तो ज्‍वॉइंट अकाउंट से ज्यादा से ज्यादा 9 लाख रुपये जमा करने के बाद एक साल में 60,300 रुपये का ब्याज आता था। मासिक ब्याज की बात करें, तो ये 5,025 रुपये हुआ। वहीं, सिंगल अकाउंट के जरिए 4,50,000 लाख रुपये जमा करने पर मासिक ब्याज सिर्फ 2513 रुपये आता था।

पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम क्या है

पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (MIS) एक प्रकार का टर्म डिपॉजिट अकाउंट है, जो इंडिया पोस्ट द्वारा ऑफर किया जाता है। एमआईएस योजना हर महीने ब्याज का भुगतान करती है और उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जो अपने निवेश से नियमित या पूरक आय चाहते हैं। यह एक प्रकार की निवेश योजना है, जो डाक विभाग (डीओपी) द्वारा पेश की जाती है, जिसे इंडिया पोस्ट भी कहा जाता है। जो लोग डाकघर की मासिक आय योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं, वे अपने संबंधित इलाके में किसी भी डाकघर में निवेश कर सकते हैं।

डाकघर मासिक आय योजना की विशेषताएं

कम जोखिम : सुरक्षित निवेश जो परिपक्वता अवधि के बाद गारंटीड रिटर्न प्रदान करता है। इस योजना में जोखिम-स्तर लगभग 0% है।
5 साल का लॉक-इन : 5 साल की अनिवार्य लॉक-इन अवधि के साथ आता है। निवेशक चाहें तो मैच्योरिटी पीरियड के बाद उसी स्कीम में दोबारा निवेश भी कर सकते हैं।
समयपूर्व निकासी : जुर्माना शुल्क का भुगतान करने के बाद किया जा सकता है।
नियमित भुगतान : ब्याज का नियमित भुगतान इस योजना को उन लोगों के लिए एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाता है जो लगातार समय पर आय अर्जित करना चाहते हैं।

WhatsApp चैनल ज्वाइन करें