सरकार ने दी बड़ी खुशखबरी, अब रिटायरमेंट के बाद हर महीने मिलेंगे 18,857 रुपये पेंशन, जानिए पूरी डिटेल

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी कि EPFO Employees Provident Fund Organization ने एक सर्कुलर जारी किया है। 29 दिसंबर को EPFO ने अपने स्थानीय कार्यालय को इसे लागू करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद EPFO की ओर से यह सर्कुलर जारी किया गया है।

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इस सर्कुलर में हायर पेंशन से जुड़ी जानकारी दी गई है। किन कर्मचारियों को हायर पेंशन मिलेगा, इसके लिए कैसे आवेदन करना है, इससे जुड़ी सभी जानकारियां इस सर्कुलर में दी गई है। आज हम आपको इस सर्कुलर में दी गई जानकारी के बारे में बताने जा रहे हैं।

EPFO में जारी किए गए इस सर्कुलर के मुताबिक केवल वही कर्मचारी ज्यादा पेंशन लेने के लिए योग्य है जिन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO की योजना के तहत अनिवार्य रूप से ज्यादा वेतन में योगदान दिया है और रिटायरमेंट से पहले ज्यादा पेंशन के लिए ऑप्शन चुना था, लेकिन EPFO ने उनकी इस रिक्वेस्ट को अस्वीकार कर दिया था।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कहा कि जिन सदस्यों ने 5000 रुपये या 6500 रुपये की वेतन सीमा से अधिक वेतन पर पेंशन के लिए योगदान दिया था और उच्च पेंशन का विकल्प चुना था तो उसे ही यह लाभ दिया जाएगा।

सर्कुलर के मुताबिक 4 नवंबर 2022 के आदेश के बाद के कर्मचारी ज्यादा पेंशन नही ले पाएंगे। इसके अलावा किसी भी विकल्प का प्रयोग किये बिना 1 सितंबर 2014 से पहले रिटायर्ड हुए कर्मचारी भी इसकी सदस्यता से बाहर हो चुके हैं। 2014 के संशोधन के अनुसार विकल्प का प्रयोग करने वाले कर्मचारियों को ही इसका लाभ दिया जाएगा।

ये तो हुई बात कौन कर्मचारी ज्यादा पेंशन ले सकते हैं उसकी, अब जान लेते हैं कि अगर आप इसके लिए योग्य उम्मीदवार हैं तो इसके लिए कैसे अप्लाई कर सकते हैं। अगर आप योग्य उम्मीदवार हैं तो आप स्थानीय कार्यालय में जाकर इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। EPFO ने ज्यादा पेंशन के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। अब आप 26 जून तक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

1995 में जब इस पूरी व्यवस्था को लागू किया गया था, उस समय जो पेंशन योग्य आय थी वह केवल 5000 रुपये थी यानी आपकी सैलरी चाहे जो भी रही हो लेकिन पेंशन केवल 5000 रुपये ही दिया जाता था। फिर बाद में इसे बढ़ा कर 6500 रुपये कर दिया गया था। इसके बाद साल 2014 में सरकार एक संशोधन लेकर आती हैं। इस नियम में कुछ बदलाव लाये जाते हैं, जिसके बाद 6500 कि राशि को बढ़ा कर 15000 रुपये कर दिया जाता है।

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